बंगाल में अपना परचम लहराने के बाद तृणमूल कांग्रेस पूरे देश में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। पिछले कुछ महीनों से तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी में सेंधमारी कर चुकी हैं। इस बीच अब टीएमसी की कर्नाटक में एंट्री से कांग्रेस खासी सतर्क हो गई है। पार्टी को डर है कि अन्य प्रदेशों की तरह दक्षिणी राज्यों में टीएमसी कांग्रेस के नेताओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर सकती है।
दरअसल , दक्षिण में कांग्रेस जरूर कमजोर हुई है, लेकिन पार्टी को अभी भी वापसी की उम्मीद है। तमिलनाडु में पार्टी डीएमके के साथ गठबंधन सरकार में शामिल है। वहीं केरल में यूडीएफ का नेतृत्व कर रही है। पुडुचेरी में भी हार-जीत का सिलसिला रहता है। पर कर्नाटक को लेकर पार्टी काफी गंभीर है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो कर्नाटक में अगली सरकार कांग्रेस की होगी। क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस ही भाजपा का मुकाबला कर सकती है।लेकिन तृणमूल कांग्रेस के कर्नाटक में अपने पैर जमाने की कोशिशों ने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी है।
वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो कर्नाटक कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है। कई नेताओं के बीच आपसी मतभेद हैं । प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हमें अपना घर ठीक करना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है, तो दूसरे प्रदेशों की तरह पार्टी नेता तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मैरी शशिधर रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि तृणमूल कांग्रेस दक्षिण में पानी का परीक्षण कर रही है। टीएमसी ने कर्नाटक और तेलंगाना के कुछ नेताओं से संपर्क भी किया था।
गौरतलब है कि ममता की टीएमसी लगातार कांग्रेस में सेंधमारी कर रही है। सबसे ज्यादा मेघालय, गोवा और केरल में टीएमसी ने कांग्रेस को झटके दिए हैं।
बता दें कि बंगाल में सत्ता वापसी के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस कई राज्यों में पार्टी का विस्तार करने में जुटी है। इनके इस विस्तार नीति का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा है। गोवा, बिहार, हरियाणा, यूपी समेत कई राज्यों में टीएमसी ने कांग्रेस के नेताओं को तोड़ा है और अपनी पार्टी में शामिल कराया है।