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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट को लेकर सियासी गलियारों में चुनावी समीकरणों के मायने तलाशे जाने लगे हैं। राजनीतिक दलों से लेकर अर्थशास्त्री तक इस बजट को न सिर्फ इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव, बल्कि अगले साल होने वाले आम चुनाव का पूरा रोड मैप करार दे रहे हैं, वहीं पीएम मोदी द्वारा अमृतकाल यानी इंडिया/100 के ब्लूप्रिंट को पेश किया गया। इस विजन में एक ओर आधुनिक तकनीक, ग्रीन ग्रोथ डिजिटल, फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, मॉडर्न सिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को रखा गया है तो दूसरी ओर हैंडीक्राफ्ट और मिलेट्स से देश को मजबूत बनाने के लक्ष्य रखे गए हैं

हर साल पेश होने वाले बजट में सबसे ज्यादा निगाहें इसी बात पर लगी रहती हैं कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव हुआ है या नहीं। लेकिन बीते एक फरवरी को जैसे ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद भवन में बजट पेश करते हुए टैक्स स्लैब में बदलाव की बात कही, उसी के साथ सियासी गलियारों में इस बजट के चुनावी समीकरणों वाले मायने तलाशे जाने लगे। राजनीतिक दलों से लेकर सियासत को समझने वालो ने इस बजट को न सिर्फ इस साल होने वाले विधानसभा के चुनाव, बल्कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों का पूरा रोड मैप बताया है। वहीं वर्तमान में देश के सामने महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ते व्यापार घाटे की समस्याएं चुनौती के रूप में खड़ी हैं। ऐसे में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को देश के सामने रखा। पीएम मोदी द्वारा अमृतकाल यानी इंडिया/100 के ब्लूप्रिंट को पेश किया गया। इस विजन में एक ओर आधुनिक तकनीक, ग्रीन ग्रोथ (अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा), डिजिटल और फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, मॉडर्न सिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को रखा गया है तो दूसरी ओर हैंडीक्राफ्ट और मिलेट्स (मोटे अनाज) से देश को मजबूत बनाने के लक्ष्य रखे गए हैं।

दूसरी तरफ विपक्षी दल भी इस बजट को चुनावी बजट करार दे रहे हैं। अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, युवा और महिलाओं के लिए योजनाओं की बौछार करती नजर आईं। हालिया समय में ये सब भारतीय जनता पार्टी के कोर वोटर माने जाते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि मध्यम वर्ग से लेकर किसानों के लिए योजनाएं के बलबूते मोदी सरकार ने मिशन 2024 के लिए कमर कस ली है।

दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि बजट के जरिए इस साल होने वाले नौ राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर ज्यादा फोकस किया गया है। लेकिन चुनौती यह भी है कि इस बजट को जनता के बीच भाजपा नेता और जनप्रतिनिधि किस तरीके से पहुंचा पाते हैं और उसका कितना लाभ ले पाते हैं। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि निश्चित तौर पर इस साल होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में नई टैक्स व्यवस्था को भाजपा चुनावी फायदे के तौर पर देख सकती है। यही वजह है कि सरकार ने इस कार्यकाल के आखिरी पूर्व बजट में सबसे बड़ी घोषणा की। साथ ही टैक्स स्लैब में बदलाव हुआ, उसे लेकर पुराने ढांचे और नए ढांचे को लेकर के तमाम तरीके की चर्चाएं हो रही हैं। लोगों के बीच में असमंजस है। उसे दूर करने में भाजपा नेता और जनप्रतिनिधि कितनी मेहनत करते हैं यह भी बहुत महत्वपूर्ण है।

कई योजनाओं का बढ़ाया बजट देश के अलग-अलग राज्यों में केंद्र सरकार ने अपनी योजनाओं में किस तरीके से बजट बढ़ाकर जनता को सीधे लाभ पहुंचाने की कोशिश की है, वह भी आने वाले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचा सकता है। चाहे पीएम आवास योजना का बढ़ा हुआ बजट हो या प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत। अंत्योदय और प्राथमिकता वाले परिवार को एक साल के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति भी केंद्र सरकार के लिए सियासी बूस्टर डोज ही है। बीते कुछ चुनावों का विश्लेषण से यह पता चलता है कि सरकारी योजनाओं से जनता को सीधा लाभ हुआ है जिसका भाजपा को सियासत में फायदा भी मिल रहा है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि सरकार ने जिस तरीके से कृषि और सहकारिता में डेवलपमेंट का एक खाका खींचकर देश के सामने रखा है, उसका भी लाभ केंद्र सरकार को मिलेगा। इसके पीछे की वजह बताते हुए विश्लेषक कहते हैं कि सरकार ने स्टार्टअप्स और रिसर्च के अलावा मोटे अनाज क्षेत्र में जिस तरीके से खुद को दुनिया में आगे रखने की योजना बनाते हुए बजट जारी किया है वह भी लोगों से सीधे तौर पर जुड़ रहा है। इसके अलावा सरकार ने कर्नाटक में सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष बजट जारी किया है। क्योंकि इस साल कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव हैं तो इसको भी सियासी नजरिए से दूर नहीं किया जा सकता है। इस बजट को लेकर एक ओर जहां केंद्र सरकार इस बजट को देश के लिए सबसे फायदे का बजट बता दावा कर रही है कि इस बजट से भारत की न सिर्फ नींव मजबूत होगी बल्कि लोगों का जीवन स्तर भी सुधरेगा। वहीं दूसरी तरफ अन्य राजनीतिक दल इसे पूरी तरीके से चुनावी बजट बता रहे हैं।

बजट की सप्तऋषि प्राथमिकताएं
समग्र विकास, अंतिम मील तक पहुंचना, इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा, वित्तीय क्षेत्र आदि शामिल हैं।

गरीबों की योजना को मिला विस्तार
बजट में अगले एक साल तक के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को बढ़ा दिया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा कुल 2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। देश के गरीबों को इस योजना के तहत मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया जाता है। कोरोना में मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से सरकार को चुनावों में बहुत फायदा हुआ है।

महिलाओं को सौगात
महिलाओं के लिए भी बजट में कई योजनाओं की घोषणा की गई है। इस बार के बजट में महिला सम्मान बचत पत्र लाने का एलान किया गया है। महिलाओं पर केंद्रित इस योजना को दो साल के लिए लाया जा रहा है। इस योजना के तहत किसी महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपए तक का एक बार में निवेश किया जा सकेगा। योजना पर 7.5 फीसदी निश्चित ब्याज मिलेगा। इस योजना के तहत जमा राशि में से आंशिक निकासी का भी विकल्प उपलब्ध होगा। याद हो कि पीएम मोदी ने बजट सत्र के शुरुआत के मौके पर ही कहा था कि उन्हें आशा है कि निर्मला सीतारमण आम लोगों को ध्यान में रखकर बजट पेश करेंगी। जिस तरह से बजट में महिलाओं को ध्यान में रखा गया है, उसे बीजेपी की मिशन 2024 की राजनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है। साल 2019 के आम चुनाव में महिला वोटर्स ने जमकर बीजेपी के लिए वोट किया था। ऐसे में बीजेपी की तैयारी अपने कोर वोटर को कुछ फायदे के जरिए फिर से अपने पाले में बरकरार रखने की योजना है। किसानों को भी राहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत छोटे किसानों को 2.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई है। साथ ही करीब तीन करोड़ महिला किसानों को योजना के तहत 54 हजार करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा एग्रीटेक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में प्रावधान किए गए हैं। किसानों को उनकी फसलों का पूरा लाभ मिले उसके लिए कई योजनाएं शुरू करने की घोषणा की गई है। 2024 के चुनाव में किसानों का साथ बीजेपी के लिए बेहद अहम है। ऐसे में उनके लिए योजनाओं की घोषणा के जरिए उन्हें साधने का भरसक प्रयास किया गया है।

युवाओं को लुभाने का प्रयास
बजट में रोजगार के मौके पैदा करने के लिए छोटे और मझोले उद्योग को कई छूट देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा 47 लाख युवाओं को 3 साल तक भत्ता देने का भी बड़ा एलान किया गया है। बजट में इन युवाओं को ग्लोबल स्तर की ट्रेनिंग दिलवाने का प्रस्ताव किया गया है। इस बजट से रोजगार की बात करके मोदी सरकार ने युवाओं को अपने साथ जोड़े रखने की पहल कर दी है। विपक्ष बेरोजगारी के मुद्दे पर ही मोदी सरकार को निशाना बनाती रही है। इसलिए माना जा रहा है कि बजट में रोजगार की बात करके निर्मला द्वारा मोदी सरकार की एक बड़ी टेंशन को कम कर दिया गया है।

अनुसूचित जाति के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल
बजट 2023 में घोषणा की गई कि अगले तीन साल में 3.5 लाख जनजातीय छात्रों के लिए चलाए जा रहे 740 एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए 38,800 अध्यापक और सहायक कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की नियुक्ति के समय से ही बीजेपी आदिवासी वोटर्स को लुभाने के प्रयास में जुटी हुई है। बजट में आदिवासियों के लिए योजना के जरिए बीजेपी ने देश की 50 से ज्यादा लोकसभा सीटों के लिए दांव चल दिया है।

अब तक का सबसे बड़ा आवंटन
बजट में 2.40 लाख करोड़ का पूंजीगत प्रावधान रेलवे के लिए किया गया है। जो अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है। 2013-14 में दिए गए आवंटन से भी नौ गुना ज्यादा। वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे में 100 नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। इसके अलावा नई योजनाओं के लिए 75 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है। निजी क्षेत्र के सहयोग से 100 योजनाओं की शुरुआत की जाएगी। जिस पर आगे काम किया जाएगा। खाद्यान्न और
बंदरगाहों को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है। 50 अतिरिक्त एयरपोर्ट, हेलीपैड, वाटर एयरोड्रोम का नवीनीकरण किया जाएगा ताकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा सके।

दस हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर
ग्रीन ग्रोथ के तहत वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा कि पर्यावरण की दृष्टि से जीवन शैली बदलने का लक्ष्य है। 2070 तक हमें कार्बन उत्सर्जन घटाना है। हाल ही में राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन किया गया है। इससे अर्थव्यवस्था को लो-कार्बन में तब्दील करने में मदद मिलेगी। ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम शुरुआत की जाएगी। कंपनियां और शहरी निकायों को इसे बढ़ावा मिलेगा। अगले तीन साल में हम एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक तरीके से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर बनाए जाएंगे।

सरल होगी केवाईसी प्रक्रिया
वित्त मंत्री ने कहा, केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। सभी सरकारी एजेंसियों में डिजिटल सिस्टम के लिए पैन कार्ड को सामान्य आईडेंटिटी के रूप में मान्यता मिलेगी। इससे व्यापार में काफी आसानी होगी।
पीएम आवास योजना का बड़ा दांव बजट पेश करते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट बढ़ा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में पीएम आवास योजना के बजट में 66 फीसदी की बढ़ोतरी का एलान किया था। अब यह बढ़कर 79 हजार करोड़ रुपए हो गया है।

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