कोरोना वायरस का कहर अभी थमा नहीं है। देश में कोरोना एक बार फिर पिछले साल की तरह रफ़्तार पकड़ रहा है। दिल्ली में भी मामले बढ़ने लगे हैं ,लेकिन पिछले एक साल से यहां की अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो रही सुनवाई आज 15 मार्च से फिजिकली शुरू हो गई है। अदालतों में सामान्य कामकाज पहले की तरह बहाल होगा। सभी अदालतों में फिजिकल सुनवाई शुरू हो गई है ।
दरअसल कोरोना महामारी के कारण बीते वर्ष मार्च-2020 में सामान्य कार्यवाही को प्रतिबंधित कर दिया गया था और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई हो रही थी। 12 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देश के तहत उन्हीं को हाई कोर्ट में प्रवेश की अनुमति होगी जिन्हें अदालत के आदेश के अनुपालन में पेश होने की जरूरत होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 मार्च से पूरी तरह शुरू हो रही भौतिक सुनवाई के संबंध में दो मार्च को कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे। इसके तहत हाई कोर्ट ने कहा था कि अदालत परिसर में आने वाले अधिवक्ताओं एवं आगंतुकों को केंद्र व दिल्ली सरकार द्वारा शारीरिक दूरी समेत अन्य नियमों के संबंध में जारी किए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से अनुपालन करना होगा। वादियों के प्रवेश की प्रक्रिया कोरोना महामारी के पूर्व में संचालित प्रक्रिया के तहत होगी और पास काउंटर सामान्य तरह से संचालित किए जाएंगे।
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण 16 मार्च 2020 को दिल्ली हाईकोर्ट की सामान्य कार्यवाही को आपात मामलों तक प्रतिबंधित कर दिया गया था। वहीं, देशव्यापी लॉकडाउन घोषित होने के बाद 25 मार्च 2020 से हाईकोर्ट समेत सभी निचली अदालतों की सामान्य कार्यवाही को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसे समय-समय पर इसी अवधि को बढ़ाया गया।
कुछ माह के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में कुछ अदालतों में तमाम प्रतिबंधों के साथ भौतिक सुनवाई शुरू की गई थी और अन्य अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की जा रही थी। इसके अलावा हाईकोर्ट ने बीते कुछ समय से हाईब्रीड सुनवाई की व्यवस्था भी लागू की थी। जिसमें अधिवक्ता के पास भौतिक रूप के साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल होने का विकल्प दिया गया था।