[gtranslate]
Country

कोर्ट पहुंची पहलवानों की नूरा-कुश्ती

जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवान अब अपनी बात रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। विनेश फोगाट के साथ 6 अन्य महिला पहलवानों ने याचिका दायर कर यह मांग की है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इस मामले पर अब देश की सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर कहा कि ये ‘गंभीर आरोप’ हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की कुछ दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सीधे मामले पर सुनवाई करने का फैसला लिया है

अपनी प्रतिभा से दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाले पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। पहलवान उत्पीड़न की जांच के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को लेकर गत सप्ताह से जंतर- मंतर पर धरने पर बैठे हैं। पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है।


उच्चतम न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज न किए जाने का आरोप लगाने वाली सात महिला पहलवानों की याचिका पर दिल्ली सरकार तथा अन्य को नोटिस जारी कर कहा कि ये ‘गंभीर आरोप’ हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है। न्यायालय ने पहले कहा था कि महिला पहलवानों की याचिका को सुनवाई के लिए 28 अप्रैल को सूचीबद्ध किया जा सकता है। मामले का उल्लेख करने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की कुछ दलीलों पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने सीधे मामले पर सुनवाई करने का फैसला किया। पीठ ने कहा कि सामान्य तौर पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (संज्ञेय मामलों की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की शक्ति) के तहत पुलिस के पास जाने का उपाय उपलब्ध है। पीठ ने पूछा, क्या आरोप है। सिब्बल ने बताया कि एक नाबालिग पहलवान समेत सात पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं लेकिन इस पहलू पर बहुत स्पष्ट कानून होने के बावजूद अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। ये महिला पहलवान हैं। इनमें एक नाबालिग भी है। एक समिति की रिपोर्ट है जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया है और कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

फैसलों का हवाला देते हुए वरिष्ठ वकील ने कहा कि इस प्रवृत्ति के अपराध में प्राथमिकी दर्ज न करने के लिए पुलिसकर्मी पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है। दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने कहा भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवानों ने याचिका में गंभीर आरोप लगाए हैं। अदालत को इस मामले पर गौर करने की आवश्यकता है। पीठ ने कहा याचिका पर सुनवाई की जाती है। याचिकाकर्ताओं की पहचान जाहिर न की जाए। नोटिस जारी किया जाता है। 28 अप्रैल तक जवाब दाखिल किया जाए। सीलबंद लिफाफे में दी गई शिकायतों को फिर से सीलबंद किया जाए। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय को बताया गया कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भी हैं।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्राथमिकी दर्ज करने में अत्यधिक विलंब हुआ है। कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पहलवान सरकार से बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच करने वाली समिति के नतीजों को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। धरनारत पहलवानों ने चेतावनी दी थी कि अगर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई तो वे उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। शीर्ष महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि उनका डब्ल्यूएफआई के चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है और वे अपने उन आरोपों की उचित जांच की मांग पर जोर देती रहेंगी कि सिंह ने महिला एथलीटों का यौन शोषण किया है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए कहा ‘जिन लड़कियों ने शिकायत दर्ज की है उनकी जान को खतरा है। फेडरेशन के लोग उनके घरों पर पैसा लेकर पहुंच रहे हैं, हमें तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस किस दबाव में है। कमेटी के सदस्यों में आपसी सहमति नहीं थी, रिपोर्ट सबमिट कैसे हुई।’ बबीता का कहना है कि रिपोर्ट पर उससे जबरदस्ती साइन कराए गए।
पहलवानों ने कहा हम कोर्ट के हमेशा आभारी रहेंगे, जो  उन्होंने महिलाओं के मामले में संज्ञान लिया। खेल में अगर राजनीति होती रही तो ऐसे ही शोषण होता रहेगा। हम चुनाव के लिए ये सब नहीं कर रहे। हमें खुले में सोने का शौक नहीं। हमें जरूरत पड़ी और जिन्होंने दबाव बनाया है हम उनके नाम भी मीडिया के सामने लेंगे। हमारी मांग है कि उसके अपराध की सजा उसे मिले।

इससे पहले 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसने सभी को चौंका दिया था। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम कर चुके करीब 20 रेसलर्स ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था। रेसलर्स ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता और क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। धरनारत पहलवानों में ओलंपिक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, सरिता मोर और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल थे। इसके बाद मामले में खेल मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया था। मंत्रालय की सिफारिश के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था। इस दौरान मंत्रालय की ओर से इन आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था।

अब तीन महीने बाद 23 अप्रैल से पहलवानों ने फिर से मोर्चा खोला है। पहलवानों ने अब खेल मंत्रालय की ओर से बनाई गई कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं। विनेश फोगाट का कहना है कि हम मंत्रालय और कमेटी से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन न कोई वक्त मिल रहा है, न कोई जवाब। बृजभूषण को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। दरअसल पिछले दिनों 21 अप्रैल को सात महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाते हुए अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में 21 अप्रैल को दर्ज कराई गई अपनी शिकायतों में पहलवानों ने 2012 से 2022 तक यौन उत्पीड़न के कई उदाहरणों का हवाला दिया है। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को पहले नहीं उठाया, क्योंकि उन्हें परिणाम भुगतने का डर था। शिकायतकर्ता में एक नाबालिक पहलवान भी है। इन पहलवानों ने यह भी आरोप लगाया की चार अलग-अलग जगहों व नई दिल्ली के अशोक रोड में स्थित बृजभूषण के आवास पर उनका उत्पीड़न हुआ है। लेकिन 3 दिन बीत जाने के बाद जब कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। धरने पर बैठे विनेश फोगाट ने कहा हमें पुलिस में शिकायत दर्ज कराए तीन दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। हमें विश्वास है कि हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। हम केवल निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि हमने अपने दावों के समर्थन में समिति को कोई सबूत नहीं दिया है कुछ नहीं बोला। क्या किसी ने बृजभूषण से पूछा है कि क्या उन्होंने कोई सबूत दिया है? उसका नार्को टेस्ट कराया जाए। हमें क्यों नार्को टेस्ट के लिए बोला जा रहा है। हमने सीबीआई की जांच की मांग की थी लेकिन वह नहीं हुई, अगर हम झूठे हैं तो हमें जो देश बोलेगा या उच्च न्यायालय बोलेगा हमें वह सजा मंजूर है। पहलवानों का कहना है कि इस मामले में सबसे ज्यादा दिल्ली पुलिस ने निराश किया। दिल्ली पुलिस मामूली आरोप पर भी विपक्षी नेताओं के खिलाफ एफआईआर कर लेती है। लेकिन इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कहा कि एफआईआर से पहले हम आरोपों की जांच करना चाहते हैं। उचित हुआ तो एफआईआर करेंगे। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय पैनल की उस जांच रिपोर्ट को मांग लिया, जिसे खुद उस जांच पैनल ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है।

इन पहलवानों को अब किसान, खाप पंचायतों और राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिलने लगा है। उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायत पालम-360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी समेत हरियाणा की तमाम खापें पहलवानों के समर्थन में आ चुकी हैं तो वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने भी न्याय की मांग की है। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जंतर-मंतर पर पहुंचकर पहलवानों को समर्थन दिया। इस बीच इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो ने भी खिलाड़ियों का समर्थन किया है। कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ आंदोलरत पहलवानों को अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक का भी समर्थन मिल गया है। बीते 26 अप्रैल को मलिक ने धरना स्थल पर पहुंचकर पहलवानों से कहा कि आप जो कर रहे हैं उसे इतिहास याद रखेगा। उस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा, पहलवानों का समर्थन बढ़ रहा है। मैं भी उनके लिए निजी तौर पर जो कर सकता हूं वह करूंगा। यह लड़ाई सिर्फ पहलवानों की नहीं है, बल्कि देश भर की महिलाओं की है।

 

कौन है बृजभूषण
बृजभूषण शरण सिंह 1988 में बीजेपी से जुड़े। 1991 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में बृजभूषण का नाम लाल कृष्ण आडवाणी समेत उन 40 लोगों में शामिल था, जिन पर ढांचे को गिराने के आरोप लगे थे। हालांकि बाद में कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था। साल 1999 और 2004 में भी बृजभूषण लगातार दो बार भाजपा के टिकट से सांसद चुने गए, लेकिन 2008 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 2009 में सपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से लोकसभा पहुंचे। 2014 में फिर से बीजेपी में वापसी हुई। 2014 और 2019 में कैसरगंज सीट से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए। यानी 6 बार के सांसद और लगातार तीन बार कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। वे पहली बार 2011 में कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने थे और फिर उसके बाद से लगातार बने हुए हैं।

 

You may also like

MERA DDDD DDD DD