भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फिलहाल रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। गुरुवार को आरबीआई गवर्नर ने कहा कि फिलहाल रेपो रेट में कोई कटौती नहीं होगी। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि बिना किसी बदलाव के रेपो रेट 4 प्रतिशत है। जबकि रिवर्स बिना किसी बदलाव के साथ रेपो रेट भी 3.35 प्रतिशत है।
कोविड महामारी को आरबीआई ने देखते हुए यथास्थिति का विकल्प चुना है और ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। लेकिन, महामारी की वजह से प्रभावित अर्थव्यवस्था को देखते हुए आरबीआई ने भविष्य में और अधिक दरों में कटौती के संकेत दिए हैं।
शक्तिकांत दास ने कहा, “रेपो रेट में परिवर्तन न करने का निर्णय केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा लिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते 22 मई को अपनी नीतिगत दर में संशोधन किया था। सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम रहने का अनुमान है। वर्ष 2020-21 में वास्तविक जीडीपी दर नकारात्मक होने का अनुमान है।”
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— ReserveBankOfIndia (@RBI) August 6, 2020
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि सर्वसम्मति से एमपीसी ने ये फैसला लिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी शुरू हो गई है। तेजी से विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हो रही है। जबकि, दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक स्थिति जनवरी से लेकर जून तक बेहद खराब रही।
आरबीआई का कहना है कि दूसरी छमाही में महंगाई बढ़ सकती है। खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ सकते हैं। आरबीआई गवर्नर बताया कि आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं बरकरार हैं जिससे विभिन्न क्षेत्रों में महंगाई का दबाव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वार्षिक महंगाई दर इस साल जून में मार्च के 5.84 फीसद के मुकाबले बढ़कर 6.09 फीसद हो गई। यह आरबीआई के मीडियम टर्म टारगेट से अधिक है। जबकि आरबीआई का टारगेट 2-6 फीसदी है।