दिल्ली पुलिस के निजामुद्दीन थाने की पुलिस ने 29 मार्च को मरकज में मौजूद 2361 तब्लीगी जमात के लोगों को बाहर निकाला था। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने बड़े स्तर पर ‘मिशन मरकज’ अभियान चलाया था। इस दौरान निजामुद्दीन थाने की पुलिस के दर्जनों जवान उन लोगों के संपर्क में आए जिनको कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। हालांकि, दिल्ली पुलिस के इस अभियान में पुलिस में एहतियात तो बहुत बरती थी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसके बावजूद भी दिल्ली पुलिस खासकर निजामुद्दीन थाने के कई जवान कोरोना के भय से आशंकित है। ऐसे पुलिसकर्मी की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली के निजामुद्दीन थाने में इस वक्त दहशत का माहौल है। इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक एक दूसरे के नजदीक आने से डर रहे हैं। यहां तैनात 17 पुलिसवालों को कोरोना संक्रमण के डर से क्वॉरेंटाइन किया गया है। सूत्रों की माने तो थाने के अधिकतर पुलिसकर्मियों में इस बात का डर है कि वो भी संक्रमित न हो गए हों। दरअसल, ये वही थाना है जिसके ठीक पीछे दीवार से सटी हुई मरकज़ की इमारत है और हर रोज पुलिसवाले इसी भीड़-भाड़ इलाके में डयूटी देते थे। थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित इस थाने में निजामुद्दीन पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर मरकज के दौरान हर समय तैनात रहता था।
हालांकि, ऐसे पुलिसकर्मियों को फिलहाल दिल्ली में ही क्वॉरेंटाइन किया गया है। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि आखिर इन पुलिसकर्मियों के परिजन भी इनके संपर्क में आए होंगे। तो क्या उनको संदिग्ध नहीं माना जाना चाहिए। यही नहीं बल्कि होना तो यह चाहिए था कि पुलिस के परिजनों को भी क्वॉरेंटाइन किया जाना चाहिए था। जबकि एक सब इंस्पेक्टर की ड्यूटी तो वही पर ही लगी रहती थी। इस दौरान कई सब इंस्पेक्टर बारी बारी से मरकज में ड्यूटी करते रहे थे। दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव की माने तो उन्होंने ही ऐसा आदेश दिया था कि 25-33% पुलिसकर्मी 10 दिनों की अवधि के लिए होम क्वॉरेंटाइन पर रहेंगे। उन्होंने कहा था कि 50 वर्ष से अधिक आयु के पुलिसकर्मी को इसमें वरीयता दी गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे का अभियान चलाकर निजामुद्दीन स्थित मरकज़ में आए तब्लीगी जमात के 2361 लोगों को एक बाहर निकाला था। खबर है कि इस ऑपरेशन में शामिल दिल्ली पुलिस के कम से कम 11 जवानों ने अपने बाल मुंडवा लिए थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया था ताकि वो कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सके। इतना ही नहीं हज़रत निज़ामुद्दीन पुलिस स्टेशन में तैनात 17 पुलिस कर्मियों को दो सप्ताह के लिए क्वारंटाइन पर भेज दिया गया है।
हालांकि, दिल्ली पुलिस की ओर से इस पर सफाई आई थी कि लॉकडाउन के बाद पुलिस कर्मियों को छुट्टी पर भेजना एक नियमित रोटेशनल प्रक्रिया है और संयोग से ये 10-12 पुलिस कर्मी वो हैं जो निजामुद्दीन मरकज लोगों को बाहर निकालने वाली टीम का हिस्सा थे। लेकिन बताया जा रहा है कि यह सभी फुलिसकर्मी क्वॉरेंटाइन कर दिए गए है। नाम न बताने की शर्त पर इस ऑपरेशन में शामिल दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने बताया कि मैं उन्हें बाहर निकालने वाली टीम का हिस्सा था जो उन्हें बस से आगे भेज रहा था। इस दौरान हमने सुना है कि कोरोना वायरस लगभग दो सप्ताह तक आपके बालों से चिपके रहते हैं। इसलिए हमने अपना सिर मुंडवाने का फैसला किया था।