बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और जेडीयू गठबंधन ने मिलकर सरकार बनाई । एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने। हालांकि इस बार सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी रही, लेकिन बहुमत के लिए कुछ सीटें कम होने के कारण तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री की कुर्सी से चूक गए। लेकिन स्थितियां तेजस्वी के पक्ष में बनती दिख रही हैं और अब नीतिश कुमार की कुर्सी पर खतरे के बादल मड़रा रहे हैं। आरजेडी नेता श्याम रजक ने दावा किया है कि जेडीयू के कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा है कि कभी भी नीतिश कुमार की सरकार गिर सकती है। आरजेडी नेता का दावा है कि जेडीयू के 17 विधायक उनके संपर्क में हैं।
अगर श्याम रजक के बयान पर गौर किया जाए तो साफ नजर आता है कि जेडीयू के 17 विधायक बगावत करते है तो नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री की कुर्सी जा सकती है। बिहार में विधानसभा की 243 सीट है और बहुमत के लिए 122 चाहिेए। विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 और आरजेडी के महागठबंधन को 110 सीटें मिली थी। आरजेडी को सरकार बनाने के लिए 12 सीटों की आवश्यकता है। अगर जेडीयू के 17 विधायक बगावत करते है तो नीतीश कुमार की सरकार गिरनी तय है।
रजक ने दावा किया है कि यह सभी विधायक बीजेपी की कार्यशैली से काफी नाराज हैं और इसलिए वह पार्टी छोड़कर आरजेडी में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इन विधायकों को फिलहाल रोका गया है, इसकी वजह बताते हुए श्याम रजक ने कहा कि अगर 17 विधायक आरजेडी में शामिल होते हैं तो दल-बदल कानून के अंतर्गत इनकी सदस्यता रद्द हो सकती है। श्याम रजक ने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश में जिस तरीके से जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायकों को बीजेपी ने अपने साथ शामिल करा लिया है उससे यह साफ हो गया है कि बीजेपी नीतीश कुमार पर हावी हो गई है। श्याम रजक ने कहा कि इसी कारण से जेडीयू के विधायक पार्टी छोड़ना चाहते हैं।
आरजेडी नेता ने आगे कहा, “नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ती जा रही है। अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी जिस तरीके से जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायकों को निगल गई यह इस बात का सीधा उदाहरण है कि कैसे बीजेपी नीतीश कुमार पर हावी हो रही है। बिहार में बीजेपी की जो कार्यशैली है उससे जनता दल यूनाइटेड के विधायक परेशान हैं। जेडीयू के विधायक चाहते हैं कि वह बीजेपी को अपने ऊपर हावी ना होने दें।” अगर सच में ऐसा होता है तो नीतीश कुमार को सत्ता की कुर्सी से हाथ धोना पड़ेगा। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 74 और जेडीयू को 43 सीटें मिली थी। नीतीश कुमार के पास बहुत कम विधायक है अगर उनकी पार्टी के 17 विधायक पार्टी छोड़कर जाते है तो बिहार की राजनीति में काफी बड़ा फेरबदल देखने को मिलेगा।