आज हम नेताओं के इतने बड़े समर्थक बन चुके हैं कि अपने नेता के बारे में बुरा-भला सुनने की सहनशीलता तक नहीं रह गई है। हालांकि लोकतंत्र में जरुरी है कि आप किसी नेता या सरकार से अगर खुश नहीं हैं तो उसकी आलोचना कर सकते है। यह हमारा सवैंधानिक अधिकार है। पंरतु आज हम नेताओं के इतने पिछलग्गू हो चुके हैं उनके द्दारा किए गए गलत कार्य या उनकी गलत नीतियों को सहीं ठहरा देते हैं। उनके खिलाफ विरोध की आवाज नहीं सुन सकते। ऐसा ही एक मामला बिहार से सामने आया है जहां जदयू समर्थक ने माले समर्थक को इसलिए गोली दाग दी कि उसने नीतीश कुमार को घोटालों का सरदार कह दिया था। गोली माले समर्थक के पैर पर लगी है।
मामला पुनपुन के कोठी इलाके के गंजपर का है। अक्सर जब किसी भी प्रदेश में चुनाव होता हैं तो आमतौर पर लोग किसी चाय या मोहल्ले की किसी दुकान पर चुनावी चर्चा करने के लिए इकट्ठा हो जाते हैं। कई बार चर्चा इतनी ज्यादा गर्मा जा जाती है कि लोग आपस में लड़ने-झगड़ने लगते हैं। बिहार में इन दिनों चुनावी माहौल पूरी तरह गर्माया हुआ है। इसी माहौल के दौरान जदयू समर्थक और माले समर्थक आपस में चुनावी चर्चा कर रहे थे। तभी माले समर्थक ने प्रदेश के सीएम और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार को घोटालेबाजों का सरदार और गरीबों का शोषण करने वाला कह दिया। बस इतनी बात सुनते ही जदयू समर्थक ने माले समर्थक के पैर में गोली दाग दी। गोली चलने की आवाज से पूरे गंजपर में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद घायल माले समर्थक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। गोली पैर में लगने की वजह से माले समर्थक को अगले दिन ही छुट्टी दे दी। इस मामले पर किसी ने भी पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई।
बता दें बिहार में दो चरणों पर मतदान पूरा हो चुका है। तीसरे चरण के मतदान की तैयारियां जोरों पर हैं। 10 नंवबर को वोटों की गिनती होगी, गिनती के बाद ही पता चलेगा कि किसने अपने चुनावी भाषणों और वादों से बिहार के लोगों का दिल जीता है।