निर्भया रेप केस के चारों दोषियों को आज सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई। चारों को कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह को 2013 में एक ट्रॉयल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी।
पोस्टमार्टम के बाद चारों के शरीर को उनके परिवारवालों को सौंप दिया जाएगा। जेल अधिकारियों ने बताया कि फांसी के पहले चारों की रात काफी बेचैनी में बिती। तिहाड़ जेल के डीजी ने बताया कि फांसी से पहले दोषियों ने कोई आखिरी इच्छा जाहिर नहीं की थी।
ANI के मुताबिक, निर्भया की माँ आशा देवी ने सुप्रीम कोर्ट से आने के बाद अपनी बेटी निर्भया की तस्वीर को गले लगाया और कहा कि बेटा तुम्हें आज इंसाफ़ मिल गया।
#WATCH Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang rape victim says, "As soon as I returned from Supreme Court, I hugged the picture of my daughter and said today you got justice". pic.twitter.com/OKXnS3iwLr
— ANI (@ANI) March 20, 2020
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, फांसी के समय सैकड़ों लोग तिहाड़ जेल के बाहर खड़े थे। उनके हाथों ने तिरंगा था और वे ‘भारत माता की जय’ और निर्भया की जाबांज़ी पर नारे लगा रहे थे।फांसी के बाद लोगों ने एक दूसरे को मिठाइयां बांटी और खुशियाँ मनाई।
जेल सूत्रों ने बताया कि निर्भया के गुनहगारों की आखिरी रात बेचैनी काफी बेचैनी में बिता। चारों रातभर जागते रहे। फांसी पर लटकाने के लिए जेल के अधिकारी। उन्होंने वे प्रक्रिया पूरी की जो जरूरी थे। उनके बाद चारों को नहाने और कपड़े बदलने को कहा गया। इसी दौरान दोषी विनय फूट-फूट कर रोने लगा और माफी मांगने लगा। उसने कपड़े बदलने से भी इनकार कर दिया। सेल से बाहर लाने से पहले चारों दोषियों को सफेद कुर्ता-पजामा पहनाया गया।
फिर उसके बाद जेल प्रशासन ने उनसे चाय-नाश्ते के लिए पूछा पर उन लोगों ने इनकार कर दिया। उनके बाद बाद उनसे उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई। फंदे पर लटकाने से पहले उनलोगों को हाथ बांधने के लिए पीछे करने को कहा गया मगर दो ने इससे इनकार कर दिया।
उन्हें जब फांसी के लिए ले जाया जा रहा था तो उनमें से एक दोषी जमीन था पर लेट गया। उसे ले जाने के लिए काफी मशक्कत करनी जेल अधिकारियों को करनी पड़ी। उसके बाद चारों के चेहरे को काले कपड़े से ढका गया और गले में फांसी का फंदा डाल दिया गया। ठीक 05:30 बजे जेल सुपरिटेंडेंट ने इशारा दिया और पवन जल्लाद ने फांसी के फंदे का लीवर खींच दिया।
कब क्या हुआ?
सुबह 5.30 बजे- चारों गुनहगारों को फांसी दी गई
सुबह 6.00 बजे- डॉक्टरों ने चारों दोषियों को मृत घोषित किया
सुबह 6.25 बजे- तिहाड़ जेल के डीजी ने चारों को मृत घोषित किया
सुबह 8.00 बजे- चारों शव डीडीयू अस्पताल ले जाए गए
सुबह 8.30 बजे- डॉक्टरों के पैनल ने चारों शव का पोस्टमार्टम किया
सुबह 8.30 बजे- पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में 23 साल की पैरामेडिकल की छात्रा के साथ छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था। हादसे के तकरीबन 16 दिन बाद अंदरुनी चोटों के चलते सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़ित निर्भया की मौत हो गई।