भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने 16 विदेशी नागरिकों के खिलाफ रेफरेंडम सेकुलरवादी अभियान के तहत चार्जशीट दायर की है। यह सभी नागरिक यूके, कनाडा और अमेरिका से हैं। एनआईए के अनुसार यह सभी विदेशी नागरिक अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस के सदस्य हैं। इन सदस्यों में गुरपतवंत सिंह पन्नू, हरदीप सिंह निज्जर परमजीत सिंह पहले से ही गैरकानूनी गतिविधियों के तहत आंतकवादी नामित किए हुए हैं। सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हरियाणा और पंजाब में पहले से यूपीए के तहत कई मामले दर्ज हैं।
इनके अलावा अवतार सिंह पन्नू, गुरप्रीत सिंह बागी, हरप्रीत सिंह, सरबजीत सिंह, अमरदीप सिंह प्यारेलाल, जे.एस धालीवाल, कुलवंत सिंह मोढ़ा, दपिन्द्रजीत सिंह, कुलवंत सिंह, हरजप सिंह, जतिंदर सिंह ग्रेवाल और हिम्मत सिंह के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। एनआईए के अनुसार एसएफजे को गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। इस संगठन के खिलाफ यूएपीए के तहत 2019 में एक अन्य मामला दर्ज किया गया था। एनआईए के मुताबिक एसएफजे जो एक मानवाधिकार वकालत के नाम पर मंगाई गई थी, पाकिस्तान सहित विदेशी धरती से संचालित होने वाले खालिस्तान आंतकवादी संगठनों का फ्रंटल संगठन है।
एनआईए के अधिकारियों के अनुसार रेफरेंडम 2020 अभियान के तहत फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर और कई वेबसाइट लांच की गई है। जिनका इस्तेमाल धर्म के आधार पर लोगों के बीच देशद्रोह और नफरत फैलाने के लिए किया जाता है। इन वेबसाइट के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए किया जाता है। एसएफजे देश की सेना में तैनात सिख कर्मियों को उकसाकर देश के खिलाफ विद्रोह और सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। गुरपतवंत सिंह पन्नू और हरदीप सिंह निज्जर की संपतियों की जांच की जा रही है, जांच के बाद गृहमंत्रालय इन संपतियों की कुर्की करवाएगा।