अमेरिका की नई फॉरेन पॉलिसी के तहत अब हांगकांग से आयात होने वाले जेम एंड ज्वेलरी पर 7.50 प्रतिशत ड्यूटी लगेगी। इस नई फॉरेन पॉलिसी से सूरत को फायदा अधिक और नुकसान कम होगा। इस समय देशभर में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है।
सूरत में भी दिन-दिन कोरोना मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। जिसको देखते हुए वराछा में स्थित मिनी हीरा बाजार और चौकसी बाजार को 31 जुलाई तक बंद कर किया गया है। जिसके कारण अब नया प्रोडक्शन नहीं हो रहा है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के अगस्त तक कम होने की आशा है।
दरअसल, सूरत में तैयार होने वाले जेम एंड ज्वेलरी का 38 प्रतिशत हांगकांग एक्सपोर्ट होता है। सूरत में तैयार हुए हीरे और ज्वेलरी का एक्सपोर्ट पिछले लम्बे समय से दूसरे देशों में हो रहा है। उद्योगपतियों का कहना है कि वाया हांगकांग के बदले अब यूएस से सीधे कारोबार होगा।
कीर्ति शाह, चैम्बर की डायमंड कमेटी के चेयरमैन का कहना है कि सूरत में तैयार होने वाला हीरा वाया हांगकांग होकर यूएस एवं दूसरे देशों में जाता था। इस फैसले से सूरत के व्यापारियों को सीधा फायदा मिल पाएगा। मुंबई के हीरा बाजार में भी धीरे-धीरे कामकाज पटरी पर आने लगा है। उद्योगपति इंतजार कर रहे हैं कि कोरोना का संक्रमण कम हो और वह काम शुरू कर पाएं।
इस सम्बन्ध में जीजेईपीसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नावड़िया का कहना है कि यूएस ने हांगकांग से एक्सपोर्ट पर ड्यूटी बढ़ा दी है। जिसका अब सूरत को सीधे लाभ मिल सकेगा। सूरत समेत अन्य शहरों में ज्वेलरी और डायमंड की क्वॉलिटी अपग्रेड करने के लिए प्रोपर इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी। खास करके टेक्नाेलॉजी को अपग्रेड करना होगा।