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न क्वारंटीन सेंटर में रखा और न गांव में दी प्रवेश, मजदूर ने जंगल में ली शरण

न क्वारंटीन सेंटर में रखा और न गांव में दी गई प्रवेश, मजदूर ने जंगल में ली शरण

देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। एक दिन में कम-से-कम दस हज़ार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में बाहर आए लोगों को 14 दिनों के लिए क्वारंटीन सेंटर भेजा जा रहा है। लेकिन इसी बीच ओडिशा के गंजम जिले से दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहां चेन्नई से लौटे एक मजदूर को न तो क्वारंटीन सेंटर में रखा गया और न ही उसे गांव में लोगों ने प्रवेश करने दिया। इस कारण उसे दो दिन जंगल में बिताना पड़ा।

खबरों के मुताबिक, ट्रेन से बालासोर पहुंचने के बाद बारिक नायक बस से भंजनगर आएं थे। लेकिन जब वह अपने गांव पहुंचे, तो स्थानीय निवासियों ने उन्हें गांव में घुसने की इजाजत नहीं दिया। नायक घर जाने से पहले क्वारंटीन सेंटर नें रहने को तैयार थे। लेकिन उन्हें वहां भी रहने नहीं दिया गया। ऐसे में वह सरपंच और स्थानीय प्रशासन के पास गए पर उन्हें वहां भी कोई मदद नहीं मिली। हारकर अंत में वे जंगल रहने चले गए।

जंगल में पहले वो पत्ते इकट्ठा किए फिर वहीं सो गए। दो दिनों तक मजदूर उसी जंगल में रहे। इस बीच जब मजदूर के जंगल में रहने की बात फैली तो आनन-फानन में मौके पर पुलिस पहुंची फिर उनको क्वारंटीन सेंटर ले गई। मजदूर के जंगल में सोने की घटना का फोटो भी सामने आया है। इस संबंध में फिलहाल अभी तक किसी बड़े अधिकारी की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।

बता दें कि ओडिशा में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। राज्य में अब तक कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3140 हो गई है। हालांकि, इनमें से 1993 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि 1936 सक्रिय मरीज हैं जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अब तक यहां नौ लोगों की इससे मौत हो चुकी है।

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