यूपी पुलिस में इंतसार अली के बहाने एक बार फिर बहस छिड़ गई है। यह बहस दाढ़ी रखने को लेकर है। दरअसल, बागपत जिले के रमाला थाने में एक इंतसार अली नामक दरोगा तैनात थे। जिनको बागपत के पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने निलंबित कर दिया है। इंतसार अली का कसूर यह था कि उन्होंने बिना विभागीय स्वीकृति के दाढ़ी रख ली।
इंतसार अली की यह दाढ़ी पुलिस में चर्चा का विषय बन गई। यहा तक कि कई स्थानों से इंतसार अली की इस दाढ़ी की शिकायत आने लगी। खुद पुलिस के बड़े ऑफिसर इस मामले को लेकर इंतसार अली से नाराज रहने लगे ।
बताया जा रहा है कि पहले नोटिस देकर इंतसार अली को दाढ़ी कटवाने की चेतावनी दी गई। लेकिन वह नहीं माने। एक के बाद एक तीन नोटिस इंतसार अली को इस वजह से मिले कि वह अपनी दाढ़ी कटवा ले । लेकिन नोटिस पर ध्यान दिए बिना ही इंतसार अली अपनी नौकरी करते रहें। उन्होंने अपनी दाढ़ी नहीं कटवाई ।
आखिर में कल बागपत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने उनकी दाढी को लेकर उन पर एक्शन कर दिया। इंतसार अली पर पुलिस रूल के तहत ड्रेस कोड का पालन न करने के आरोप लगाए गए और उन्हें निलंबित कर दिया गया ।
हालांकि पुलिस रूल की ड्रेस कोड में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि पुलिसकर्मी दाढ़ी नहीं रख सकते । लेकिन बताया जा रहा है कि इसके लिए विभाग से अनुमति लेना जरूरी होता है । इंतसार अली पर आरोप है कि उसने दाढ़ी रखने के लिए विभाग से स्वीकृति नहीं ली।
अब इंतसार अली प्रकरण में यूपी पुलिस को लेकर बहस छिड़ गई है । बहस इस बात को लेकर है कि जब पुलिस के जवान मूछे रखना फैशन समझते हैं तो दाढ़ी रखना गुनाह कैसे हो गया ? क्या दाढ़ी और मूंछो में भी पुलिस का ड्रेस कोड इस्तेमाल होगा ? जब पुलिसकर्मी तावदार मूंछ रख सकता है तो लच्छेदार दाढ़ी क्यों नहीं रख सकता ?
इस मामले में नोएडा निवासी मोहम्मद रुस्तम कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की पुलिस विभाग में भी कहीं ना कहीं धार्मिक कट्टरता झलकती है । इंतसार अली प्रकरण में यह सामने आ रहा है। वह कहते हैं कि जब सिख लोग सर पर बड़े बाल रख सकते हैं और पगड़ी बांध सकते हैं तो एक मुस्लिम दाढ़ी क्यों नहीं रख सकता । साथ ही वह हिंदू पुलिसकर्मियों के बड़ी-बड़ी मूछों पर भी सवाल खड़ा करते हैं । मोहम्मद रुस्तम कहते हैं कि किस संविधान में लिखा है कि पुलिसकर्मी बड़ी-बड़ी तावदार मूछें रख सकता है।
वहीं दूसरी तरफ इंतसार अली प्रकरण में एक बार फिर उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस डीके पांडा की यादें स्मरण हो गई है। दरअसल, यूपी पुलिस में एक आईपीएस डीके पांडा हुआ करते थे। जो तत्कालीन आगरा रेंज के आईजी थे । वह आईपीएस पुलिस की नौकरी करते समय मांग में सिंदूर भरते थे और चूड़ियां पहन लेते थे। इसके साथ ही आईपीएस डीके पांडा कान में बाली और नाक में नथनी पहन कर अपने आप को ‘दूसरी राधा’ कहते थे।
तब यूपी पुलिस में ‘दूसरी राधा’ का रूप चर्चा का विषय बना था। वर्ष 2005 में पूर्व आईपीएस डीके पांडा सार्वजनिक रूप से राधा के रूप में सबके सामने आ गए थे। इसके बाद यूपी पुलिस के यह आईपीएस चर्चा का विषय बन गए थे। हालांकि बाद में पांडा की गतिविधियों की वजह से यूपी पुलिस पर सवालिया निशान लगने लगें थे। इसके बाद पांडा ने पुलिस नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। यहां यह भी बताना जरुरी है कि मध्य प्रदेश के झाबुआ इलाक़े में पुलिस ने अपने अधिकारियों को मूँछ भत्ता-देना शुरू कर दिया है। क्योंकि उनका मानना है कि मूँछों से रोब बढ़ता है।