मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से पिछले दिनों मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई थी जब वहां टाटपट्टी इलाके में कोरोना जांच टीम पर स्थानीय लोगों ने अफवाह में आकर पत्थर बरसाए थे। अब उसी इंदौर से मानवता की मिसाल पेश करने वाली खबर सामने आई है। ये मामला इंदौर के साउथ तोड़ा के जूना गणेश मंदिर इलाके से है। यहां रविवार की रात को एक गरीब वृद्ध महिला की मौत हो गई। महिला का दुर्गा नाम था।
वृद्धा दुर्गा लकवे की शिकार थी और अपने दो बेटों में से सबसे बड़े बेटे के पास रहती थी। उसकी रविवार की रात को अचानक मौत हो गई। जब उनके मौत की खबर बस्ती वालों हुई तो उन्होंने उनका अंतिम संस्कार किया। जब स्थानीय युवक असलम, अकील, सिराज, इब्राहिम और आरिफ को पता चला कि लॉकडाउन के चलते उनके रिश्तेदार नहीं पहुंच पाए तो वे सोमवार सुबह की वृद्ध महिला के घर पहुंच गए। बस्ती के लोग कोरोना संक्रमण के चलते हिचकते रहे।
परिवारवालों ने शव वाहन को भी फोन लगाया पर वह नहीं आया। इसके बाद मुस्लिम युवकों ने अंत्येष्टि की तैयारी की और उनके अर्थी को कंधा देकर शमशान घाट ले गए। इतना ही नहीं उन्होंने अंत्येष्टि का खर्च भी उठाया। जब दूसरे लोग कोरोना संक्रमण के डर से शवयात्रा में शामिल होने से हिचकते रहे थे इन युवकों ने अर्थी को कांधा दिया और घर से ढाई किलोमीटर दूर शमशान तक ले गए। जहां एक तरफ कोरोना संकट की घड़ी में कई जगहों पर आपसी भाईचारा कमजोर होता नजर आ रहा है वहीं इन मुस्लिम युवकों ने इंसानी भाईचारे की मिसाल कायम की है।
युवकों का तस्वीर लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग आपसी भाईचारे की इस मिसाल की तारीफ कर करे हैं। कुछ लोगों ने लिखा है कि यही हमारे देश की गंगा-जमुनी तहजीब है। इसको लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी एक ट्वीट किया है। उन्होंनेे लिखा, “इंदौर के नार्थ तोड़ा क्षेत्र में एक बुजुर्ग हिन्दू महिला द्रोपदी बाई की मृत्यु होने पर क्षेत्र के मुस्लिम समाज के लोगों ने उनके दो बेटों का साथ देकर उनकी शवयात्रा में कंधा देकर व उनके अंतिम संस्कार में मदद कर जो आपसी सद्भाव की व मानवता की जो मिसाल पेश की,वो क़ाबिले तारीफ़ है।”
इंदौर के नार्थ तोड़ा क्षेत्र में एक बुजुर्ग हिन्दू महिला द्रोपदी बाई की मृत्यु होने पर क्षेत्र के मुस्लिम समाज के लोगों ने उनके दो बेटों का साथ देकर उनकी शवयात्रा में कंधा देकर व उनके अंतिम संस्कार में मदद कर जो आपसी सदभाव की व मानवता की जो मिसाल पेश की,वो क़ाबिले तारीफ़ है।
1/2 pic.twitter.com/IIQe8qgMQG— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 7, 2020
उन्होंने एक और ट्वीट किया है जिसमें लिखा है, “यही हमारी गंगा – जमुनी संस्कृति है। ऐसे दृश्य हमारे आपसी प्रेम-सद्भाव व भाईचारे को प्रदर्शित करते है।”
यही हमारी गंगा – जमुनी संस्कृति है।
ऐसे दृश्य हमारे आपसी प्रेम-सद्भाव व भाईचारे को प्रदर्शित करते है।
2/2— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 7, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक हिंदू व्यक्ति का अंतिम संस्कार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया। बुलंदशहर के मोहल्ला आनंद विहार साठा निवासी रविशंकर का बीमारी के चलते शनिवार को निधन हो गया। मृतक के परिजनों ने रिश्तेदारों को सूचना दी, ताकि सभी लोग आ सके और मृतक का अंतिम संस्कार कर सकें पर लॉकडाउन कारण कोई भी नहीं आ सका। जब इसकी जानकारी आसपास रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों को मिली तो उन्होंने एकत्र होकर अंतिम संस्कार किया।