मध्यप्रदेश की राजनीती में भूचाल लाने वाले ‘हनीट्रैप काण्ड’ से एक के बाद एक परतें उघड़ती जा रही हैं। जो तस्वीर उभर रही है, वह व ज्यादा चौंकाने वाली है। पकड़ी गई स्त्रियों के पास से एसआईटी (विशेष जाँच दल) के हाथ एक डायरी लगी है, जिसमें शिकार बनाए गए लोगों से वसूली गई रकम व बकाया का तो ब्यौरा है। साथ ही उपयोग में लाए जाने वाले कोडवर्डों का भी जिक्र है। डायरी में ‘मेरा प्यार’ व ‘पंछी’ इस रैकेट के प्रमुख कोडवर्ड है। कई बार कोडवर्ड ‘वीआईपी’ का भी उपयोग किया गया।


एजेंसी को सूत्रों से कुछ कागजात मिले हैं, जो एक महिला की डायरी के पन्ने बताए जा रहे हैं। इसमें मध्यप्रदेश में जिम्मेदार पद पर रहे एक नेता का नाम है, जो अब दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अतिरिक्त कई पूर्व मंत्रियों और पूर्व सांसदों के नाम हैं।

डायरी के ये पन्ने बता रहे हैं कि हनीट्रैप रैकेट कोडवर्ड का प्रयोग किया करता था। कोडवर्ड थे- पंछी व मेरा प्यार. इन कोडवर्डों के साथ मुस्कुराते चेहरे व मुहब्बत के तीर वाले दिल का निशान भी बना हुआ है। इसके अतिरिक्त किस आदमी से कितनी रकम मिली व कितनी बकाया है, इसका भी सिलसिलेवार ब्यौरा है। इन पन्नों से एक बात व साबित होती है कि एक आदमी को शिकार बनाने में किस-किस की किरदार रही व वसूली गई रकम में उसकी हिस्सेदारी कितने फीसदी की रही।

एसआईटी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ‘पंछी’ कोडवर्ड का प्रयोग उस आदमी के लिए किया जाता था, जो बड़ा आसामी होता था व जिससे या तो बड़ी रकम ली जा चुकी होती थी या बकाया होती थी। इसके साथ ही रैकेट की सबसे कम आयु की युवती के द्वारा जाल में फंसाए गए लोगों के लिए ‘मेरा प्यार’ कोडवर्ड को उपयोग में लाया जाता था। इसके अतिरिक्त कई बड़े नेताओं को ‘वीआईपी’ कोडवर्ड की श्रेणी में रखा जाता था।

सूत्रों के अनुसार, डायरी में एक एनजीओ का भी जिक्र है। यह डायरी भी उसी महिला के पास से मिली है, जिसका पति एनजीओ चलाता है। डायरी की लिखावट उसी महिला की है या किसी व की, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। हस्तलिपि विशेषज्ञ या फॉरेंसिक जाँच से यह स्पष्ट हो पाएगा।