पिता अपने घर का मुखिया होता है। सभी परिवार वाले अपने पिता की बात मानते हैं। बच्चे अपने पिता की छाया में खुद को सुरक्षित समझते हैं। लेकिन झारखंड में एक वहशी पिता और चाचा की बुरी नजरों से बचाने के लिए एक मां ने अपनी 12 साल की बच्ची को एक महीने तक शेल्टर होम में रखा।
आरोपियों के खिलाफ नामकुम थाने में केस दर्ज करवाया गया है। इसके बावजूद भी आरोपी खुले में घूम रहे हैं। 17 जून को आरोपी पिता और चाचा पर पीड़िता ने केस दर्ज करवाया था। 20 जून को कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज कराया गया था।
पीड़िता ने अपने बयान में कहा था, “मैं चौथी कक्षा में पढ़ती हूं। जब मम्मी घर पर नहीं होती तो पापा और चाचा मेरे साथ गंदा काम करते थे। तीन साल से ऐसा चल चल रहा हैं। मैं मां को बताना चाहती थी, लेकिन पापा ने घमकी दी थी कि बताया तो जान से मार दूंगा। इसलिए डर गई थी। जब लॉकडाउन हुआ तो मैंने मम्मी को यह बात बताई।”
बच्ची की मां ने कहा, “केस दर्ज होते ही मुझे घमकी मिलने लगी। केस वापस न लेने पर आरोपी मुझे और बेटी को जान से मारने की धमकी दे रहा है। इसी डर से मैंने अपनी बेटी को शेल्टर होम में छोड़ दिया है। ताकि वह सुरक्षित रहे। मुझे और मेरी बेटी को जान का खतरा हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही।”
नामकुम थाना प्रभारी प्रवीण कुमार इस मामले पर कहा, ” मामला संदिग्ध लगता हैं। कोई भी पिता अपनी बेटी के साथ ऐसा नहीं कर सकता।” केस दर्ज होने से पहले ही आरोपी पिता ने बच्ची और उसकी मां को घर से निकाल कर दूसरी शादी कर ली हैं। बच्चे अपने पिता के लिए सबकुछ होते हैं। पिता के संरक्षक में बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। लेकिन यहां तो एक पिता ही अपनी बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसी गंदी हरकत कर रहा हैं। ऐसी घटनाएं हमारे समाज, आस-पड़ोस हर दिन होती हैं। मगर हमारा समाज ऐसी गंदी घटनाओं पर पर्दा डाल कर आगे बढ़ जाता है।