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मानसून सत्र में ये विधेयक होंगे पेश

आज यानि 20 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक जारी रहेगा। माना जा रहा है कि संसद का यह सत्र हंगामेदार होने वाला है। क्योंकि सरकार को घेरने के लिए विपक्ष इस सत्र में मणिपुर में फैली हिंसा सहित कई मह्त्वपूर्म मुद्दों को सदन में पेश कर सकती है।

मानसून सत्र के लिए 31 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं। जिसमें निजी डेटा संरक्षण विधेयक, वन संरक्षण कानून में संशोधन विधेयक और दिल्ली में सेवाओं पर अध्यादेश की जगह लेने वाला बिल भी शामिल है। जिनमें से कुछ प्रमुख विधेयक निम्न लिखित हैं –

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अध्यादेश

 

मानसून सत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 भी पेश किया जाएगा। जिसे लेकर पिछले दिनों खूब हंगामा हुआ है और जिसके कारण केजरीवाल सरकार और केंद्र में जंग छिड़ी हुई है। केंद्र सरकार ने इस अध्यादेश के तहत दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती से जुड़ा आखिरी फैसला लेने के अधिकार उपराज्यपाल को दिए जाने के फैसले को चुनौती दी है। जिसका आम आदमी पार्टी विरोध कर रही है। जिसके लिए वह अन्य विपक्षी दलों से समर्थन की मांग कर रही है।

 

जन विश्वास विधेयक

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जन विश्वास विधेयक, 2023 को मंजूरी दी थी। जो कारोबार में सुगमता को बढ़ावा देने और नागरिकों के दैनिक कामकाज को आसान बनाने के मकसद से लाया गया है। जिसका उद्देश्य से 42 अधिनियमों में 183 प्रावधानों में संशोधन कर छोटी-मोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से हटाने का प्रस्ताव रखा गया है।

 

वन संरक्षण कानून संशोधन

 

भूपेन्द्र यादव ने संसद के बजट सत्र में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विधेयक पेश किया गया था। जिसके माध्यम से वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया था। इस अधिनियम के माध्यम से वन अधिनियम 1980 के दायरे से भूमि की कुछ श्रेणियों को छूट देने का भी प्रस्ताव है ताकि राष्ट्रीय महत्व की रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा सके।

 

निजी डेटा संरक्षण विधेयक

 

इस सत्र में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 भी पेश किया जाएगा। इस विधेयक के आधार पर नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान होगा। देश के नागरिकों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लाए गए इस विधेयक के दायरे में देश के सभी व्यक्तियों डेटा को लाया जाएगा। जिसके बाद यूजर के बिना मर्जी के उसका पर्सनल डेटा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

 

सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक

 

प्रदर्शनियों के लिए फिल्मों को मंजूरी देने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और बदलते समय के अनुरूप बनाने के लिए अधिनियम में फिल्म पायरेसी (डीवीडी और सीडी की अवैध प्रतिलिपि बनाना) की जांच की जाएगी।

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