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कोरोना के चलते मानसून सत्र समय से पहले ही स्थगित 

कोरोनाकाल के बीच14 सितंबर से मानसून सत्र चल रहा है।किसान विधेयकों को लेकर मचे  घमासान और विपक्ष द्वारा  मानसून  सत्र का बहिष्कार करने के बाद अब सरकार ने कोरोना महामारी  की वजह से  सत्र को ही अनिश्चितकाल  के लिए स्थगित  करने का फैसला लिया है। गृह राज्य मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री वी मुरलीधरन ने आज 23 सितंबर को राज्यसभा में कहा, ”मुझे सदस्यों को यह सूचित करना है कि सरकार ने सदन को आज यानी 23 सितंबर से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव किया है। लेकिन इससे पहले लोकसभा से पास कुछ जरूरी विधायी बिजनेस को सदन की ओर से पूरा करना है।

लोकसभा की कार्यवाही आज शाम छह बजे शुरू होगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कल मंगलवार 22 सितंबर  को सदन में इसकी घोषणा की थी। ऐसा राज्यसभा को अधिक समय देने के लिए किया जा रहा है, ताकि लोकसभा से पारित विधेयकों को उच्च सदन से भी पारित कराया जा सके। कोरोना संक्रमण के चलते विपक्षी दलों की भी मांग थी कि मॉनसून सत्र को समय से पहले खत्म कर दिया जाए।

कोरोना काल में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए दोनों सदनों की बैठकें दोनों सभा कक्षों में हो रही है। इसलिए राज्यसभा को सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक और लोकसभा के लिए दोपहर तीन बजे से सात बजे तक का समय दिया गया है। लोकसभा की कार्यवाही शाम को शुरू होने से राज्यसभा ज्यादा से  एक घंटा ज्यादा ही काम कर पाती है, जबकि लोकसभा देर रात तक भी काम कर सकती है। ऐसे में लोकसभा से पारित अलग -अलग  विधेयकों को राज्यसभा में आज   ज्यादा समय दिया जाएगा। सभी दलों की सहमति बन जाने के बाद आज  ही मानसून सत्र समाप्त हो सकता है।

किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों के बहिष्कार का फैसला किया और कल मंगलवार 22 सितंबर को भी उन्होंने पूरी कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। ऐसे में सरकार के पास बिना किसी बाधा के विधायी कामकाज निपटाने का मौका था । साथ ही सांसदों को भी शून्यकाल के जरिए अपने मुद्दे उठाने के लिए ज्यादा मौका मिल रहा था ।

14 सितंबर से शुरू हुआ मानसून सत्र 1 अक्टूबर तक 18 दिनों का था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इसे निर्धारित समय से आठ  दिन पहले ही खत्म किया जा रहा है। सत्र में लोकसभा में कई विधेयक पारित किये जा चुके हैं जिनमें पिछले दिनों जारी कुछ अध्यादेशों की जगह लेने के लिए लाए गए विधेयक भी शामिल हैं।

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