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मोदी ने सेट किया जम्मू-कश्मीर पर एजेंडा

विकास को तरजीह तो पाक को किया नजरअंदाज
जम्मू कश्मीर के संदर्भ में ऐतिहासिक और ठोस कदम उठाने के बाद अब केंद्र सरकार का उद्देश्य राज्य में आतंकी जड़ों को नेस्तनाबूद करने के साथ-साथ वहां की आर्थिक तरक्की को रास्ते पर लाने का है। गत शाम देश के नाम अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि आने वाले समय में जम्मू कश्मीर में रोजगार के अनेक दरवाजे खुलेंगे।
इस पूरे संबोधन में उन्होंने जो कहा है वो महत्वपूर्ण है लेकिन जो उन्होंने नहीं कहा वह भी महत्वपूर्ण है। जैसे उन्होंने न ही पाकिस्तान का नाम लिया और न ही अंतरराष्ट्रीय देशों के रुख का जिक्र किया।
इसका मतलब साफ है कि नरेंद्र मोदी ये बताना चाहते हैं ये कि यह हमारा आंतरिक मामला है और इसका आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास करना सरकार की जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री मोदी के सम्बोधन में 10 बड़ी बातें:
1.370 खत्म होने से पंचायत ज्यादा प्रभावी होगा।
2.सड़क और रेल का तेजी से विकास होगा।
3.आईआईएम,आईआईटी, बिजली, सिंचाई आदि में तेजी आएगी।
4.पंचायत चुनाव की तरह निष्पक्ष चुनाव कराये जाएंगे।
4.पहले की तरह कैबिनेट और मंत्रिपरिषद होगा। आपका अपना जनप्रतिनिधि आपके बीच से ही चुना जाएगा।
5.जम्मू कश्मीर के विकास की बाधा दूर हो गयी।370 और 35(ए) पाकिस्तान के लिए शस्त्र बन गया था। बेटियों और दलितों को न्याय नहीं मिलता था।
6.जम्मू कश्मीर के बच्चे अधिकारों से वंचित थे। इससे मुखर्जी, सरदार पटेल और अटल का सपना पूरा हुआ।
7.अनुच्छेद 370 से व्यवस्था में बाधाएं आ रही थी और इससे भ्रष्टाचार फैल रहा था।
8.3 दशक में 42 हजार लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। 370 से आतंकवाद, अलगाववाद और परिवारवाद बढ़ा।
9.यहाँ मजदूरों को न्यूनतम मेहनताना भी नहीं मिलता था।
10. राज्य के टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
पाकिस्तान लगातार कह रहा है कि वो समझौता एक्सप्रेस रोक देगा, हवाई यात्रा का लाभ नहीं मिलेगा। 370 फैसले के बाद पाकिस्तान में जॉइंट सेशन हुआ, नेशनल सिक्युरिटी कमिटी की बैठक हुई , लेकिन इन सबको 40 मिनट के संबोधन में नजरअंदाज किया गया। स्पष्ठ है कि ये संबोधन सिर्फ कश्मीर के लोगों को टारगेट कर दिया गया। जिसमें प्रधानमंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाने की कोशिश की है और कह कि अब जम्मू कश्मीर का गुणोत्तर विकास होगा, चाहे वो टूरिज़म सेक्टर हो या उद्योग का सेक्टर है, सब को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी।
“एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो अब दूर हो गई है। जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है। “
– नरेंद्र मोदी
इस पूरे भाषण का सीधा मकसद रहा कि इस फैसले से जो वहां पर नाराजगी है या जो खफ़ा हैं उन्हें इस फैसले के कई फायदे बताकर उनको अपने सरकार के इस ऐतिहासिक की ओर करना। जैसे उन्होंने युवाओं को राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक कदम बढ़ाने का आह्वाहन किया जो मौका उन्हें अभी तक वहां के मठाधीश नहीं दे रहे थे।इस पूरे भाषण का सीधा मकसद रहा कि इस फैसले से जो वहां पर नराजगी है या जो खफ़ा हैं उन्हें कई ऑफर देकर उनको अपने ओर करना। जैसे उन्होंने युवाओं को राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक कदम बढ़ाने का आह्वाहन किया जो मौका उन्हें अभी तक वहां के मठाधीश नहीं दे रहे थे। इस पूरे भाषण का सीधा मकसद रहा कि इस फैसले से जो वहां पर नाराजगी है या जो खफ़ा हैं उन्हें कई ऑफर देकर उनको अपने ओर करना। जैसे उन्होंने युवाओं को राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक कदम बढ़ाने का आह्वाहन किया जो मौका उन्हें अभी तक वहां के मठाधीश नहीं दे रहे थे।इस पूरे भाषण का सीधा मकसद रहा कि इस फैसले से जो वहां पर नराजगी है या जो खफ़ा हैं उन्हें कई ऑफर देकर उनको अपने ओर करना। जैसे उन्होंने युवाओं को राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक कदम बढ़ाने का आह्वाहन किया जो मौका उन्हें अभी तक वहां के मठाधीश नहीं दे रहे थे। इस पूरे भाषण का सीधा मकसद रहा कि इस फैसले से जो वहां पर नराजगी है या जो खफ़ा हैं उन्हें उनके हित के कई ऑफर देकर उनको अपने ओर करना। जैसे उन्होंने युवाओं को राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक कदम बढ़ाने का आह्वाहन किया जो मौका उन्हें अभी तक वहां के मठाधीश नहीं दे रहे थे।
राष्ट्र के संबोधन में उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में दुनिया का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की क्षमता है इसलिए जो वातावरण चाहिए शासन-प्रशासन में बदलाव चाहिए वह किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक  जमाना था जब बॉलीवुड की  फिल्मों की शूटिंग के लिए कश्मीर सबसे पसंदीदा जगह थीं। जब जम्मू कश्मीर की स्थितियां सामान्य होंगी तो देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लोग वहां
शूटिंग करने आएंगे।
प्राथमिकता से जम्मू कश्मीर में टेक्नोलॉजी का और विस्तार किया जाएगा। जिससे वहां डिजिटल कम्युनिकेशन को ताकत मिलेगी।

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