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मोदी सरकार देगी देश को नई संसद,नए लुक में होगा सेंट्रल विस्टा

 

कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जानकारी दी थी कि संसद के लिए नए भवन सहित वर्तमान संसद भवन को नया स्वरूप प्रदान करने की राज्यसभा के सभापति, लोकसभा स्पीकर और सांसदों सहित विभिन्न वर्गों की मांग पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने सांसदों के लिए नए फ्लैट्स के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा था कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। संसद भवन का अच्छे तरह से उपयोग किया जाए या कोई और भवन बनाने की जरूरत है, अधिकारी इस पर दिमाग लगा रहे हैं। साथ ही मोदी ने यह भी कहा कि आजादी के 75 साल पूरा होने पर इस काम को करना चाहिए। समय कम बचा है, फिर भी प्रयास किया जाना चाहिए ।

सब कुछ ठीक ठाक रहा तो तीन साल बाद जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा तो राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट और उसके आसपास भी बहुत कुछ बदला होगा। नया संसद भवन और नया केंद्रीय सचिवालय। नए संसद भवन के निर्माण की प्रक्रिया कल पहली निविदा खुलने के साथ शुरु हो गई। इसके साथ ही ऐसा केंद्रीय सचिवालय भी बनाया जाएगा, जिसमें पूरी सरकार एक साथ बैठ सके। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा विकसित किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक आरएफपी में घरेलू व वैश्विक स्तरीय आर्किटेक्ट व प्लानिंग कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। नए संसद भवन का आकार कुछ इस तरह होगा कि इसमें एक हजार तक सांसदों के बैठने की व्यवस्था हो। यह भविष्य के लिहाज से किया जाएगा। मंत्रियों तरह राजनीतिक दलों के सांसदों और उनके निजी सहायक के बैठने के लिए उचित बंदोबस्त पर भी सोचा जा रहा है। मौजूदा संसद भवन में जगह की कमी होने लगी है। इस बात को लगातार विभिन्न फोरम पर उठाया जाता रहा है और खुद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी इसका इजहार कर चुके हैं।

शहरी विकास मंत्रालय में इसके लिए कल इसकी पहली निविदा खुली, जिसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) दो सितंबर को ही जारी कर दिया गया था

मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के सेंट्रल विस्टा के पुनर्निर्माण का काम 30 जनवरी 2020 से चालू कर दिया जाएगा। इसे हर हाल में नवंबर 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है, ताकि अगले साल यानी 2021 के 26 जनवरी की परेड यहां कराई जा सके

बताया जा रहा है कि आर्किटेक्ट व प्लानिंग कंपनी के चयन की प्रक्रिया हर हाल में 15 अक्तूबर तक पूरी कर ली जाएगी। चयनित कंपनी जरूरत के हिसाब से समग्रता में अपनी डिजाइन प्रस्तुत करते हुए सुझाव देगी। इसे स्वीकार करने अथवा खारिज करने के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया जाएगा। डिजाइन में आड़े आने वाली और पुरानी पड़ चुकी इमारतों को हटा दिया जाएगा।

यहा यह भी बताना जरुरी है कि सेंट्रल विस्टा किसी भी देश की राजधानी की सबसे खूबसूरत जगह होती है। राजधानी दिल्ली के विभिन्न पर्यटन स्थलों के मुकाबले सर्वाधिक पर्यटक राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट पर आते हैं। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि तीन किलोमीटर लंबाई का यह स्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं है। सरकार की प्राथमिकता में सबसे पहले इसे ही खूबसूरत बनाने पर जोर दिया जाएगा।

याद रहे कि मौजूदा संसद भवन 1911 में बनना शुरू हुआ था ।तब अंग्रेजों के शासन के दौर में दिल्ली राजधानी बनी थी । सन 1927 में संसद भवन का उद्घाटन हुआ था । लेकिन आज के समय के हिसाब से संसद भवन में काफी समस्याएं देखी जाने लगी हैं ।

सबसे बड़ी समस्या है कि संसद में मंत्रियों के बैठने के लिए तो चैम्बर हैं लेकिन सांसदों के लिए नहीं हैं । साथ ही बिजली सप्लाई का सिस्टम भी पुराना है, जिसके चलते शॉर्ट सर्किट की समस्या होती रहती है ।

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