संसद भवन की नई इमारत और एक केंद्रीय सचिवालय के निर्माण के लिए शुक्रवार २० मार्च को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी। नए संसद भवन निर्माण के लिए साढ़े नौ एकड़ जमीन की आवश्यकता है। जिसको चिन्हित करते हुए भूमि संबंधी बदलावों (सीएलयू) के प्रस्ताव को पास कर दिया गया।
इसके साथ ही अब सेंट्रल विस्टा की प्रस्तावित परियोजनाएं तेजी से चालू हो जाएंगी। संसद भवन साढ़े नौ एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के भूमि संबंधी बदलाव (CLU) के लिए भेजे गए प्रस्ताव में मौजूदा हरित क्षेत्र को बरकरार रखने का प्रावधान किया गया है।
सेंट्रल विस्टा की प्रमुख इमारतें राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ और साउथ ब्लॉक, इंडिया गेट, नेशनल आर्काइव्स का निर्माण 1931 से पहले का है। केंद्रीय सचिवालय के लिए विभिन्न मंत्रालयों की इमारतें जरूरत के हिसाब से खाली भूखंडों पर बेतरतीब तरीके से किया गया है। संसद भवन की इमारत वर्ष 1927 में बनी है, जिसे अब हेरिटेज बिल्डिंग घोषित किया जाएगा।
वर्तमान के भवन में जगह के आभाव के कारण संसदीय कार्य सही ढंग से नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए नए भवन के निर्माण को अनुमति दी गई है।प्रस्तावित कॉमन सेंट्रल सचिवालय की इमारतें एक साथ बनाई जाएंगी, जो सभी आधुनिकतम सुविधाओं से लैस होंगी। राजपथ की भव्यता में और आकर्षण के लिए हरित पट्टी और पानी की कृत्रिम नहरों को और सुंदर बनाया जाएगा। संसद की नई इमारत मौजूदा संसद भवन के सामने बनेगी।
इसकी चौहद्दी के उत्तरी छोर पर रेडक्रास रोड, दक्षिण में रायसीना रोड और पश्चिम में संसद भवन बनाया जाएगा। वहीं दूसरे भूखंड पर सरकारी कार्यालय बनेगा। इस भूखंड पर शास्त्री भवन है। यहां की एकड़ भूमि पर यह कार्यालय का निर्माण होगा। कोई भी इमारत इंडिया गेट से बड़ी नहीं होगी।
दूसरा भूखंड मौजूदा शास्त्री भवन का है, जहां 5.88 एकड़ में सरकारी कार्यालय बनेगा। अगला भूंखड साऊथ ब्लाक के निकट डलहौजी रोड के उत्तर वाला है, जहां सरकारी कार्यालय, क्षेत्रीय विकास योजना और खेलकूद का मैदान है, उस जमीन पर आवासीय निर्माण होगा।