प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 24 सितंबर को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से प्रतिष्ठित ‘ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। मोदी को यह पुरस्कार लिंकन सेंटर ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स में हुए एक कार्यक्रम में दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार स्वच्छ भारत अभियान के जरिए स्वच्छता के क्षेत्र में नेतृत्व के लिए दिया गया। विकास कार्यक्रमों के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस पुरस्कार को काफी प्रतिष्ठित माना जाता है।
नोबल पुरस्कार विजेताओं ने किया विरोध
इससे पहले बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से मिलने वाले सम्मान को लेकर कुछ नोबल विजेताओं ने मोदी को इस को अवॉर्ड देने के फैसले का विरोध किया था। इसके लिए उन्होंने कश्मीर मुद्दे की दलील दी थी। दरअसल , मोदी को सम्मान मिलने से पहले ही 3 नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं ने मोदी के खिलाफ गेट्स फाउंडेशन को पत्र लिखा और सम्मान वापस लेने का अनुरोध किया था। नोबेल पुरस्कार के 3 विजेताओं ने संयुक्त रूप से गेट्स फाउंडेशन को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्त का उल्लेख करते हुए लिखा था कि मोदी राज में भारत खतरनाक और बेहद अराजक माहौल में बदलता जा रहा है। जिसने लगातार मानव अधिकारों और लोकतंत्र को कमजोर किया है। जिन 3 नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं की ओर से यह पत्र लिखा गया था। उसमें शिरीन एबादी सबसे बड़ा चेहरा हैं। शिरीन एबादी 2003 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हैं। जबकि उनके अलावा 2011 में नोबेल शांति पुरस्कार विेजेता तवाक्कुल अब्दील-सलाम कामरान और 1976 के नोबल शांति पुरस्कार विजेता मैरियड मैगुअर शामिल हैं। इसके अलावा, अखबार द गार्डियन के मुताबिक़, साउथ एशिया मूल के अमरीकी नागरिकों ने भी फाउंडेशन को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे मोदी को ये अवार्ड न दें। क्योंकि स्वच्छता अभियान के लिए दिया जा रहा ये अवार्ड दरअसल उन बातों को नज़रंदाज़ करता है, जिस वजह से देश में कट्टरपंथ को बढ़ावा मिला है। इस पत्र में कश्मीर का भी ज़िक्र किया गया है कि एक महीने पहले से कश्मीर में रह रहे लोगों को उनके परिजनों से अलग कैद किया गया है और संपर्क के सारे साधन बंद कर दिए गए है। संस्था ह्यूमन राइट्स वाच के निदेशक केनेथ रोथ ने भी ट्विटर पर लिखकर विरोध जताया है कि वे क्यों नहीं चाहते कि मोदी को ये अवार्ड दिया जाए। काफ़ी विवाद के बाद भी 24 सितंबर को मोदी को गोलकीपर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस पर गेट्स फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के विचारों का सम्मान करता है। लेकिन, मोदी को भारत में 50 करोड़ लोगों को स्वच्छता मुहैया कराने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है।
इस मौके पर फाउंडेशन ने कहा कि इस स्वछता अभियान से भारत में 50 करोड़ लोगों को स्वच्छता की सुरक्षा मिली। प्रधानमंत्री ने यह पुरस्कार मिलने पर बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को धन्यवाद किया। मोदी ने कहा, ‘‘ये सम्मान मेरा नहीं बल्कि उन करोड़ों भारतीयों का है जिन्होंने स्वच्छ भारत के संकल्प को न केवल सिद्ध किया बल्कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ढाला है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मुझे ये अवार्ड दिया जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। ये इस बात का प्रमाण है कि अगर 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति, किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए, तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं ये सम्मान उन भारतीयों को समर्पित करता हूं जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जनआंदोलन में बदला, जिन्होंने स्वच्छता को अपनी दैनिक जिंदगी में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी शुरू की। हाल-फिलहाल में किसी देश में ऐसा अभियान सुनने और देखने को नहीं मिला। ये अभियान शुरू भले हमारी सरकार ने किया था, लेकिन इसकी कमान जनता ने खुद अपने हाथों में ले ली थी। इसी का नतीजा था कि बीते पांच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा सका। 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40% से भी कम था, आज वो बढ़कर करीब-करीब 100% पहुंच रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में भी आया है कि भारत में ग्रामीण स्वच्छता बढ़ने से बच्चों में दिल की समस्याएं कम हुई हैं और महिलाओं के बॉडी मास इंडेक्स में भी सुधार आया है। आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा था, वो अब साकार होने जा रहा है। गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वो पूरी तरह स्वच्छ हो। आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन ने न सिर्फ भारत के करोड़ों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है, उनकी गरिमा की रक्षा की है बल्कि संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाई है।’’
यह पुरस्कार सतत विकास के लक्ष्यों में उपलब्धि हासिल करने के लिए किसी वैश्विक नेता को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार नार्वे के प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग और लाइबेरिया के राष्ट्रपति सरलीफ को दिया जा चुका है। जानकारों का कहना है कि गोलकीपर्स ग्लोबल गोल अवार्ड, सोल शांति पुरस्कार और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण पुरस्कारों से मोदी की शांति, विकास और गरीबों के उत्थान की दिशा में काम करने वाले वैश्विक नेता के रूप में छवि बेहतर होगी।