संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में आज समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुली बहस की अध्यक्षता करेंगे। यह बहस वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होगी। पिछले कुछ समय में जिस तरह से भारत की पड़ोसी देशों खासकर की चीन और पकिस्तान के बीच सुरक्षा को लेकर तनातनी जारी रही है उसे देखते हुए यह परिचर्चा काफी अहम मानी जा रही है।
एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। इसका उद्देश्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर अपनी स्थिति को मजबूत करना है।
पीएमओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। इस खुली परिचर्चा के केंद्र में समुद्री अपराध और इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना होगा। इससे पहले भी यूएनएससी ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है और कई प्रस्ताव पारित किए हैं। हालांकि, यह पहली बार होगा कि इस विषय पर उच्च स्तरीय और खुली चर्चा गहन तरीके से होगी।
पीएमओ ने कहा कि कोई एक देश समुद्री सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की चिंता नहीं कर सकता। लिहाजा यूएनएससी में इसे व्यापक विषय के रूप में आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। समुद्री सुरक्षा में एक व्यापक दृष्टिकोण होना चाहिए, जिससे वैध समुद्री गतिविधियों की रक्षा हो सके और साथ ही समुद्री क्षेत्र के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटा जा सके।
इन देशों के शामिल होने की उम्मीद
नाइजर , केन्या के राष्ट्रपति, वियतनाम के प्रधानमंत्री, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन, कॉन्गो के राष्ट्रपति भी इस परिचर्चा में हिस्सा ले सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस परिचर्चा का हिस्सा होंगे।
बता दें कि भारत इस साल अगस्त महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है। एक अगस्त से भारत ने यह जिम्मेदारी संभाल भी ली है। यूएनएससी में केवल पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस है। वर्तमान में भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है।