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मोदी और मुद्दे का चुनाव

इस बार लोकसभा चुनावों में उत्तराखण्ड की सभी पांचों सीटों पर कांग्रेस ने अंकिता भंडारी हत्याकांड, बेरोजगारी, अग्निवीर योजना की वजह से सेना में भर्ती का उत्साह खत्म होना और गांवों को उजाड़ने तथा शहरों को बसाने की नीतियों के अलावा अवैज्ञानिक तरीके से सड़कों, सुरंगों की खुदाई से ध्वस्त होते पहाड़, शिक्षा की बदहाल स्थिति, आम आदमी की पहुंच से दूर अस्पताल और सड़क व पानी जैसे कई ज्वलंत मुद्दे उठाकर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर दी है हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा स्थानीय मुद्दों से मुंह फेर रही है। भाजपा के नेता चुनाव में स्थानीय मुद्दों की बजाय राष्ट्रीय मुद्दों को तरजीह देते नजर आ रहे हैं। राजनीतिक पंडितों की मानें तो भाजपा के लिए ना केवल मोदी ही करिश्माई चेहरा है बल्कि वहीं एक मुद्दा है जिसके इर्द-गिर्द ही उनका प्रचार प्रसार सिमटा रहा

उत्तराखण्ड में भारतीय जनता पार्टी मोदी की गारंटी के भरोसे चुनावी वैतरणी को पार करने का प्रयास कर रही है जिसके लिए ‘अबकी बार चार सौ पार’ का नारा गढ़ा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दस वर्ष के कार्यकाल की उपब्धियों को लेकर भाजपा ने अपना घोषणा पत्र भी जारी किया है जिसमें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, तीन तलाक, अनुच्छेद 370 के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद के मुद्दों को सामने रखकर मतदाताओं के बीच प्रचार करती नजर आई है। उत्तराखण्ड का प्रदेश भाजपा संगठन और सरकार भी मोदी के सहारे ही जीत का आसरा लिए हुए है। पार्टी ने मोदी-मोदी के नारों के साथ प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

प्रदेश में लोकसभा की पांचों सीटों पर भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस गढ़वाल सीट पर ही रहा। इस सीट पर पूर्व राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी के पक्ष में चुनावी प्रचार के लिए भाजपा के बड़े-बड़े नेता और स्टार प्रचारकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जैसे दिग्गजों ने बलूनी के पक्ष में जमकर पसीना तो बहाया, साथ ही मतदताओं को रिझाने के लिए कई गांरटियां मतदताओं के सामने रखने में कमी नहीं की।
‘‘आप लोग बलूनी को जिताकर संसद में भेजो गढ़वाल का विकास करने की मेरी गांरटी है।’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अनिल बलूनी के प्रचार के दौरान दी गई गांरटी से साफ हो गया है कि भाजपा के लिए गढ़वाल सीट जीतना आसान नहीं रह गया है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो प्रचार के अंतिम चरण में भाजपा को जमीनी हकीकत से सामना होने के चलते ही इस तरह के बयानों का सहारा लेने को मजबूर होना पड़ा है।

दरअसल चुनाव प्रचार आरंभ होने के साथ ही प्रदेश की गढ़वाल सीट पर सबसे ज्यादा राजनीतिक हलचल देखने का मिली है। जहां कांग्रेस के उम्मीदवार गणेश गोदियाल स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच अपना प्रचार करते नजर आए तो वहीं भाजपा मोदी के सहारे ही प्रचार में लगी हुई दिखी। राजनीतिक जानकारों की मानें तो गढ़वाल सीट कांग्रेस से ज्यादा भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है। जिस तरह से गोदियाल के पक्ष में युवाओं का हुजूम उमड़ा उससे भाजपा नेताओं की नींद उड़ चुकी है। अंकिता भंडारी हत्याकांड, भर्ती घोटाला, और अग्निवीर योजना के साथ-साथ केदारनाथ में सोना लगाए जाने के मामले को गोदियाल अपने चुनाव प्रचार में जमकर हवा दे रहे। इससे भाजपा को जबाव देते नहीं बन रहा है। तमाम सोशल मीडिया में चुनाव गोदियाल बनाम मोदी के नाम से प्रचारित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां भाजपा भयभीत है।

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो कई नेता यह मान रहे हैं कि गढ़वाल सीट बुरी तरह से फंसती हुई नजर आ रही है। जिस तरह से भाजपा गढ़वाल सीट को आसान सीट मानकर चुनाव में उतरी थी वह चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में आसान नहीं रह गई है। इसके चलते भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं ने बलूनी के पक्ष में मतदताओं को रिझाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसी का असर है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गढ़वाल संसदीय सीट पर विकास करने के लिए अपनी गांरटी देनी पड़ रही है तो वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मतदाताओं को यह कहते हुए नजर आए कि आप बलूनी को सिर्फ एक सांसद के तौेर पर नहीं चुन रहे हैं, बल्कि बलूनी केंद्र में बड़े पद पर जाने वाले हैं।

राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो ये दोनों बयान कोई सामान्य बयान नहीं हैं। राजनाथ सिंह अनिल बलूनी को केंद्र सरकार में मंत्री बनाए जाने की बात कहकर मतदाताओं को उनके पक्ष में वोट देने का प्रलोभन देते नजर आए तो वहीं गृह मंत्री गढ़ावल सीट पर विकास की बयार बहाने की बात कह रहे हैं। हैरत की बात यह है कि अन्य चारों सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में इस तरह से बयान किसी भाजपा के स्टार प्रचारक और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा नहीं दिए गए हैं।

राजनीतिक जानकारों के अनुसार कांग्रेस उम्मीदवार गणेश गोदियाल शुरू से ही स्थानीय मुद्दों को पकड़ कर प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। उनकी हर चुनावी सभा और रैलियों में भीड़ कम होने की बजाय बढ़ती ही रही। खास तौर पर महिलाओं और युवाओं में वे बेहद पंसद किए जा रहे हैं। चौकाने वाली बात यह है कि पूरे चुनाव प्रचार के दौरान गोदियाल के साथ कांग्रेस का कोई बड़ा नेता तक नहीं दिखाई दिया। यहां तक कि कांग्रेस का कोई स्टार प्रचारक तक गढ़वाल सीट पर प्रचार के लिए नहीं पंहुचा। कांग्रेस महासचिव और स्टार प्रचार प्रियंका गांधी भी गढ़वाल सीट पर नहीं पहुंच पाई वे महज रामनगर और रुड़की ही अपनी रैली करने पहंुची। लेकिन उसका भी असर नैनीताल सीट पर ज्यादा रहा और रुड़की की रैली तो साफ तौर पर हरिद्वार सीट पर चुनाव प्रचार तक ही सिमट कर रह गई थी। इन सबके बावजूद गणेश गोदियाल अपने दमखम के साथ भाजपा के भरपूर संसाधनों और स्टार प्रचारकों की भीड़ के सामने मजबूती से डटे रहे जिसका असर उनको मिल रहे जन समर्थन के तोैर पर देखने को मिला।

भाजपा को सबसे ज्यादा परेशानी गोदियाल को मिल रहे जन समर्थन से ही होती जिस तरह से गढ़वाल सीट पर चुनाव भाजपा-कांग्रेस की बजाय गोदियाल और मोदी के बीच प्रचलित हो रहा है उससे भाजपा को चुनाव प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंकने को मजबूर होना पड़ा। इसी का असर है कि बलूनी के पक्ष में पूरी भाजपा को मैदान में उतरना पड़ा। चुनावी पंडितों की मानें तो भाजपा गढ़वाल सीट पर प्रतिष्ठा के सवाल पर फंस चुकी है। 14 विधानसभा सीटों में जहां 2022 के चुनाव में भाजपा को एकतरफा जीत हासिल हुई उन सीटों पर भी समीकरण बदलने के आसार बन गए हैं। चमोली जिले में भाजपा कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी को अपने पाले में ला चुकी है। माना जा रहा था कि इसका फायदा भाजपा को चुनाव में मिलेगा लेकिन राजेंद्र के भाजपा में शामिल होने के बाद भंडारी के खिलाफ क्षेत्र के मतदाताओं में भारी रोष देखने को मिल रहा है जिसका नुकसान भाजपा को होने की आशंका बन गई है। यहां तक कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट जोशीमठ में बलूनी के पक्ष में वोट की अपील करते हुए अपनी आंखो में आंसू तक ले आए। माना जा रहा है कि जोशीमठ आपदा के दंश से अभी तक वहां की जनता उबर नहीं पाई है और इसका खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ सकता है जिसका आभास महेंद्र भट्ट को भी हो चला है।

इसी तरह से रूद्रप्रयाग जिले की केदारनाथ और रूद्रप्रयाग सीट पर भी भाजपा की परेशानी बढ़ने की बात सामने आ रही है। केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों के चलते हक हूकधारियों में सरकार के खिलाफ नाराजगी बनी हुई है जिसका नुकसान बलूनी को हो सकता है। पौड़ी जिले की श्रीगनर, पौड़ी, देवप्रयाग, कोटद्वार चौबट्टाखाल सीटों पर भाजपा द्वारा जमकर कांग्रेसी नेताओं को भाजपा में थोक के भाव शामिल करवाया जा चुका है जबकि मतदाताओं में इस तरह से दल-बदल से नाराजगी की खबरें सामने आने लगी हैं। भाजपा में शामिल होने वाले ज्यादातर नेता कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार थे लेकिन हार के बाद भाजपा में जाना क्षेत्र के मतदाताओं को सुहा नहीं रहा है।

कहा जा रहा है कि भाजपा को दोहरा नुकसान हो सकता है। नए-नए भाजपाई बने कांग्रेसी नेताओं को प्रचार में झोंकने से स्थानीय भाजपा नेताओं का महत्व कम किए जाने से पुराने भाजपाइयों में भी नाराजगी देखी जा रही है जो चुनाव में असर डाल सकती है। भाजपा के बड़े नेता इस बात को अच्छी तरह से समझ चुके हैं। यह सीट उनके लिए चुनौती बन कर सामने आ रही है।

‘रोजगार-महंगाई की बात से क्यों डरती है भाजपा’

  •            भूपेंद्र रावत
  • हल्द्वानी में सचिन पायलट

    लोकसभा चुनाव में प्रचार के अंतिम दिन 17 अप्रैल को भाजपा और कांग्रेस ने दोनों ही अपनी पूरी ताकत झोंकती दिखी। भाजपा के प्रत्याशी अजय भट्ट के पक्ष में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हल्द्वानी में रोड शो हुआ तो वहीं कांग्रेस के स्टार प्रचारक राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट इस दिन कुमाऊं के प्रवेश द्वार पहुंचे। जहां उन्होंने रामलीला ग्राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी के समर्थन में जनसभा की। सचिन पायलट खुद गाड़ी चलाकर कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी और हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश के साथ सभा स्थल पहुंचे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित कई विधायक और कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे।

    सचिन पायलट ने कहा कि आज पूरे देश में बदलाव का माहौल है और कांग्रेस पार्टी पूरी मजबूती से इस चुनाव को लड़ रही है, क्योंकि भाजपा विकास के बजाय धर्म और जाति की बात कर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि आखिर भाजपा सरकार रोजगार और महंगाई की बात करने से क्यों डरती है। आज नेताओं की आवाज दबाने और विपक्ष को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है और 4 जून को यह सबके सामने होगा।

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