प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए एक बार फिर पाकिस्तान पर हमला बोला है। कल यानी 18 मार्च को शेख मुजीबुर रहमान के 100वीं जयंती समारोह को वीडियो से संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा, “आतंक और हिंसा को राजनीति और कूटनीति को हथियार बना लेने से कोई समाज और देश कैसे बर्बाद हो जाता है। दुनिया देख रही है कि आतंक और हिंसा के समर्थक कहां बैठे हैं और वे किस हालत में हैं, जबकि बांग्लादेश नई ऊंचाइयां छू रहा है।”
#WATCH PM Narendra Modi: Yaad kijiye ek atyachari shasan ne kis tarah Bangla bhoomi ke saath anyaya kiya … Aatank aur hinsa ke woh samarthak aaj kahan hai, kis haal mein hain aur dusri taraf yeh humara Bangladesh kis uchayi par pahuch raha hai. Yeh bhi duniya dekh rahi hain. pic.twitter.com/u6qO3zwwWy
— ANI (@ANI) March 17, 2020
मोदी ने आगे कहा, “बंग-बंधु शेख मुजीबुर-रहमान पिछली सदी के महान व्यक्तित्वों में से एक थे। उनका पूरा जीवन, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। आज मुझे बहुत खुशी होती है, जब देखता हूं कि बांग्लादेश के लोग, किस तरह अपने प्यारे देश को शेख मुजीबुर-रहमान के सपनों का ‘सोनार-बांग्ला’ बनाने में जुटे हैं।”
भारत और बांग्लादेश के आत्मीय संबंध, इस साझा विरासत की मज़बूत नींव पर ही गढ़े गए हैं।
हमारी यही विरासत, हमारे आत्मीय संबंध, बंगबंधु का दिखाया मार्ग, इस दशक में भी दोनों देशों की Partnership, Progress और Prosperity का मजबूत आधार हैं: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) March 17, 2020
मोदी ने और कहा, “याद कीजिए एक दमनकारी और अत्याचारी शासन ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने, किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, सारी दुनिया भली-भांति उन बातों को जानती है। उस दौर में जो तबाही मचाई गई थी, जो नरसंहार हुआ, उससे बांग्लादेश को बाहर निकालने के लिए, एक सकारात्मक और प्रोग्रेसिव सोसाइटी के निर्माण के लिए बंग-बंधु ने अपना पल-पल समर्पित कर दिया था।”
एक दमनकारी, अत्याचारी शासन ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने, किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, ये हम सभी भली-भांति जानते हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) March 17, 2020
भारत और बांग्लादेश बीते 5-6 वर्षों में आपसी रिश्तों का भी स्वर्ण अध्याय गढ़ा है। ये दोनों देशों में बढ़ता हुआ विश्वास है, जिसके कारण हम दशकों से चले आ रहे जमीनी और समुद्री सीमा से जुड़े मुद्दों को शांति से सुलझाने में सफल रहे हैं।
अगले वर्ष बांग्लादेश की ‘मुक्ति’ के 50 वर्ष होंगे और उससे अगले वर्ष यानि 2022 में भारत की आज़ादी के 75 वर्ष होने वाले हैं।
मुझे विश्वास है कि ये दोनों पड़ाव, भारत-बांग्लादेश के विकास को नई ऊँचाई पर पहुंचाने के साथ ही, दोनों देशों की मित्रता को भी नई बुलंदी देंगे: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) March 17, 2020
अगले साल बांग्लादेश की मुक्ति की 50 वीं वर्षगांठ और 2022 में भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री को भरोसा था कि ये दोनों मील के पत्थर न केवल भारत और बांग्लादेश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे, बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती के बंधन को भी मजबूत करेंगे।