पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों में आये दिन राज्य की सीमाओं को लेकर विवाद होते रहते हैं जिसे रोकने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है,लेकिन अभी तक इन विवादों को ख़त्म नहीं किया जा सका है। हालाँकि पहले की तुलना में कमी दर्ज की गई है।
हाल ही में असम-मेघालय की सीमा पर अवैध रूप से लकड़ी ले जा रहे लकड़ी के ट्रकों को रोकने के कारण हिंसा भड़क उठी। जिसमें एक एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनहोंने लकड़ी ले जा रही ट्रक को मेघालय सीमा पर असम वन विभाग की टीम ने सुबह करीब तीन बजे रोका। जैसे ही ट्रक ने भागने की कोशिश की, वन रक्षकों ने उस पर फायरिंग कर दी और उसका टायर पंचर कर दिया। जिसमें 2 लोगों को तो पकड़ लिया गया लेकिन और लोग भागने में कामयाब रहे।
वन विभाग ने इस बात की जानकारी जिरिकेंडिंग पुलिस थाने में दर्ज कराई। जब पुलिस वहां पहुंची तो वहां मेघालय के करीब 300 लोग कटार व अन्य कई प्रकार के हथियार लिए खड़े थे। जो गिरफ्तार किये गए दोनों लोगों को रिहा की मांग कर रहे थे। पुलिस द्वारा उनकी यह मांग स्वीकार न करने पर भीड़ ने उन्हें चारो तरफ से घेर लिया। मामले को शांत करने और बचाव के लिए पुलिस को गोलियां चलनी पड़ी जिसके कारण वहां उपस्थित 6 लोगों की गोली लगने के कारण मौत हो गई।
मेघालय के सात जिलों में इंटरनेट बंद
इस घटना के बाद मेघालय के 7 जिलों में हिंसा भड़क उठी जिसके बाद मेघालय सरकार ने भड़कती हिंसा की घटना को देखते हुए 22 नवंबर से 48 घंटों के लिए सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। इन जिलों में वेस्ट जैंतिया हिल्स, ईस्ट जैंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री-भोई, ईस्टर्न वेस्ट खासी हिल्स, वेस्ट खासी हिल्स और साउथ वेस्ट खासी हिल्स शामिल हैं।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा का कहना है कि घटना में मेघालय के पांच और असम के एक वन रक्षक सहित कुल छह लोगों की मौत हो गई है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा चुका है। मेघालय पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी की जांच की गई। घटना की मजिस्ट्रियल जांच शुरू की जाएगी। मैंने घटना पर असम के सीएम से बात की है और उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया है।