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एमके स्टालिन: इंडिया को हिंडिया न बनाएं

हिंदी दिवस के दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सूरत में ऑल इंडिया ऑफिशियल लैंग्वेज कॉन्फ्रेंस में हिंदी भाषा को लेकर कहा कि ‘मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं। कुछ लोग गलत जानकारी फैला रहे हैं कि हिंदी और गुजराती, हिंदी और तमिल, हिंदी और मराठी प्रतिद्वंद्वी हैं। हिंदी कभी किसी भाषा की प्रतिद्वंद्वी नहीं हो सकती है।

 

हिंदी देश की सभी भाषाओं की दोस्त है।’ जिस पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के हिंदी दिवस पर विवादित बयान के बाद अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तंज कस्ते हुए कहा है कि ‘भाजपा को इंडिया को हिंडिया बनाने की कोशिशें बंद कर देनी चाहिए’। गौरतलब है कि हिंदी के एक दिन पहले यानी 13 सितंबर को जिस प्रकार एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि केंद्र सरकार को हिंदी दिवस का नाम बदलकर ‘भाषा दिवस’ रख दिया जाना चाहिए , जिससे देश के सभी लोग भाषाओं के लिए दिवस मना सकें उसी प्रकार स्टालिन का भी यही कहना है कि हिंदी दिवस का नाम बदलकर ‘भाषा दिवस’ रख देना चाहिए। स्टालिन के अनुसार ‘हिंदी की तुलना में दूसरी भाषाओं के विकास में बहुत कम संसाधन खर्च किए जाते हैं। केंद्र को इस फर्क को कम करना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्र सिर्फ हिंदी और संस्कृत को ही बढ़ावा दे रहा है। स्टालिन कहते हैं ‘केंद्र को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज सभी 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा घोषित कर देना चाहिए। हिंदी न तो राष्ट्रीय भाषा है और न ही इकलौती आधिकारिक भाषा। हमें हिंदी दिवस की जगह भारतीय भाषा दिवस मनाना चाहिए।’ जिससे भारत का इतिहास मजबूत किया जा सकेगा।

 

क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस

 

हिन्दी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन 14 सितम्बर वर्ष 1949 को संविधान सभा ने हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्रदान किया था। क्योंकि भारत में अधिकतर क्षेत्रों में हिन्दी भाषा का प्रयोग किया जाता था। यही कारण था कि हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया। हिन्दी को देश के हर क्षेत्र में प्रचारित प्रसारित करने के लिये साल 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी एक फारसी भाषा का शब्द है और इस भाषा की पहली कविता अमीर खुसरो द्वारा लिखी गई थी। भारत में संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार 22 भाषाओं को आधिकारिक दर्जा प्राप्त है। जिसमें असमिया,उड़िया, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तेलुगू, तमिल, नेपाली, पंजाबी, बांग्ला , बोड़ो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, संथाली, संस्कृत, सिंधी, और हिंदी शामिल हैं।

 

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