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Country Uttarakhand

उत्तराखंड में तीरथ का टीम -11 के साथ मिशन 2022 का सफर शुरू

उत्तराखंड के दसवें मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का आज टीम -11 के साथ मिशन 2022 का सफर शुरू हो गया। जिसमें 11 मंत्री बनाए गए हैं। इसमें अधिकतर पुराने मंत्रियों को भी फिर से मंत्री बनाया गया। जबकि कुछ नए चेहरों को शामिल किया गया । जिनके बलबूते भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में 2022 में फिर सत्ता का वापसी का सपना देख रही है।

इस दौरान मंच पर प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के आने के साथ ही राष्ट्रगान की धुन से शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत की गई । जिसमें शपथ ग्रहण समारोह में सबसे पहले सतपाल महाराज ने शपथ ली । उसके बाद नए चेहरे और पूर्व भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बंशीधर भगत को शपथ दिलाई गई।

बंशीधर भगत को आज ही प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर मंत्री पद की शपथ दिलाई गई । जबकि तीसरे नंबर पर हरक सिंह रावत ने ने शपथ ली। चौथे नंबर पर डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल में मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद यशपाल आर्य मंच पर आए और मंत्री पद की शपथ ली।

तराई से अरविंद पांडे को फिर से मंत्री पद की शपथ दिलाई गई । अरविंद पांडे गदरपुर से विधायक हैं । अरविंद पांडे ने शपथ संस्कृत में ली। सुबोध उनियाल को पुनः मंत्रिमंडल में रखा गया है । सुबोध उनियाल को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का करीबी माना जाता है। गत दिनों से विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से नाराज चल रहे थे । फिलहाल उनकी नाराजगी कायम रहेगी या खत्म हो गई यह देखना।

मसूरी से तीन बार के विधायक रहे गणेश जोशी को पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। गणेश जोशी कई साल पहले एक घोड़े की टांग टूटने के मामले में विवादास्पद रहे थे।

मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे रहे धन सिंह रावत को भी मंत्री बनाया गया है । हालांकि धन सिंह रावत मुख्यमंत्री की रेस में इसलिए पिछड़ गए क्योंकि वह पहली बार विधायक बने थे। त्रिवेंद्र सिंह रावत भी धन सिंह रावत के पक्ष में नहीं दिखे ।जिसके चलते हाईकमान को धन सिंह रावत के मामले पर यू-टर्न लेना पड़ा और सीएम पद पर तीरथ सिंह रावत का नाम घोषित करना पड़ा।

कुमाऊनी वेशभूषा में मंच पर आकर शपथ ग्रहण कर सबको अपनी और आकृष्ट करने वाली मंत्री रेखा आर्य को पर एक बार फिर विश्वास जताया गया। रेखा आर्य को फिर से मंत्री बनाए जाने के चांस बहुत कम लग रहे थे। लेकिन कुमाऊं क्षेत्र से पहले से ही गैरसैण मंडल को लेकर विरोध के स्वर थे । कहीं रेखा आर्य के मामले में एक बार फिर विरोध की चिंगारी ना सुलग जाए इसके चलते ही रेखा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

रेखा आर्य के बाद हरिद्वार ग्रामीण के विधायक स्वामी यतिस्वरानंद को शपथ दिलाई गई। स्वामी को शपथ दिलाते समय जनता के बीच से उनकी जय – जय कार के नारे लगे। पुराने चेहरों के साथ नए चेहरों की यह टीम कितना सामंजस्य बैठाएगी यह देखना बाकी होगा।

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