आतंकवाद को लेकर भले ही पकिस्तान कुछ भी दावे करे ,लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत के साथ भारी तनाव के बीच पकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर पूरे विश्व में मुंह की खाने के बाद फिर से आतंकवाद को हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक़ पाकिस्तान की जेल में बंद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को इमरान सरकार ने गुपचुप तरीके से जेल से रिहा कर दिया है ।
हाल ही में सेना और पुलिस ने 4 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि 21 अगस्त को लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। दोनों आतंकियों ने कबूला था कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के उस तरफ पाकिस्तानी फौज हमारी मदद कर रही है। पाक फौज की मदद से ही हमें घुसपैठ और हमले की ट्रेनिंग मिली। वहीं, सेना के लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा था कि पांच से सात आतंकी हर रोज घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं ।
इंटेलिजेंस सूत्रों का कहना है कि राजस्थान और जम्मू-कश्मीर सीमावर्ती इलाकों में आतंक फैलाने के उद्देश्य से पाक ने यह कदम उठाया।
कुछ महीने पहले ही आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया है। ग्लोबल आतंकी घोषित किए जाने के बाद से मसूद अजहर पर कई तरह के बैन लागू हैं। इसके साथ ही भारत सरकार ने भी पिछले सप्ताह ही यूएपीए कानून के तहत जैश सरगना को आतंकी घोषित किया गया है। पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले के बाद भारत लगातार मसूद अजहर पर दबाव बना रहा था जिसके बाद जैश सरगना को यूएन ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया। मसूद के संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
सूत्रों के अनुसार, इंटेलिजेंस एजेंसियों ने सरकार को सीमावर्ती इलाके में पाकिस्तानी सैन्य बलों की तैनाती के बारे में सूचना दी है। पाकिस्तान की जेल से मसूद अजहर के रिहा होने के बाद से सीमा पर पाकिस्तानी सैन्य बलों ने अपनी हलचल बढ़ा दी है। कुछ दिन पहले भी सेना ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पाकिस्तान अब हर ओर से निराश होने के बाद सीमापार से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में जुट गया है।