अनुच्छेद 370 के खत्म होने पर हायतौबा कर रहे कश्मीरी नेताओं के दर्द की असली वजह सामने आ गई है। यह वजह बेहद व्यक्तिगत है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला दोनों ही इस वजह के शिकार हैं। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर में नेताओं के कई विशेषाधिकार छिन गए हैं। इस सूरत में महबूबा और उमर दोनों के लिए अपने अपने करोड़ों के बंगले को बचाए रखना मुमकिन नहीं है।
महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला दोनों ही अब मुख्यमंत्री नहीं हैं। मगर फिर भी अपने अपने सरकारी बंगलों में रहते हैं। इन बंगलों पर करोड़ों खर्च हुए हैं। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री रहते हुए इन दोनों ही नेताओं ने करीब 50 करोड़ खर्च कर अपने अपने इन बंगलों को बेहद ही खूबसूरत और आरामदायक बना दिया है। मगर अब विशेषाधिकार छिन जाने के बाद ये दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्री इन सरकारी बंगलों में नहीं रह सकते हैं।
महबूबा और उमर दोनों के बंगले श्रीनगर की गुफकार रोड पर हैं। इन बंगलों में सुख सुविधा का हर जरिया मौजूद है। महबूबा और उमर दोनों ही अब अपनी सुरक्षा की गुहार कर रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला ने यहां तक बोल दिया उनकी हत्या की जा सकती है। ये सभी नेता अब सुरक्षा के हवाले से इन बंगलों को बनाए रखना चाह रहे हैं जबकि कानूनन ये मुमकिन नहीं है।