मध्य प्रदेश के बैतूल से एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां पर फॉरेस्ट डिप्टी रेंजर ने सजा के तौर पर 71 साल के बुजुर्ग से उठक-बैठक लगवा ली। बुजुर्ग का कसूर इतना था कि उसने लॉकडाउन का पालन ना करते हुए सब्जी की दुकान देर शाम तक लगा ली थी।
71 साल के बुजुर्ग की सिर्फ इतनी गलती थी कि उसने अपना पेट पालने के लिए सब्जी की दुकान लगा ली थी। आमतौर पर रविवार को साप्ताहिक बाजार लगता है, उसमें उस बुजुर्ग ने देर शाम तक दुकान लगाए रखी।
फॉरेस्ट डिप्टी रेंजर को यह रास नहीं आया और उसने बुजुर्ग को सजा दे डाली। लॉकडाउन में सब्जी की दुकान लगाने का नियम सुबह 7 से 11 बजे तक है। लेकिन इस बुजुर्ग ने शाम 5 बजे तक दुकान लगा ली थी।
इस मामले में नगरपालिका बैतूल के राजस्व की टीम के अलावा वन विभाग के दो डिप्टी रेंजर की ड्यूटी लगाई गई थी। बुजुर्ग को सजा देने वाले डिप्टी रेंजर श्रीराम पिम्पलकर ने अपनी सफाई में कहा कि बार-बार समझाने के बावजूद वो बुजुर्ग नहीं माना, इसलिए उसे ऐसा करना पड़ा।
वहीं मामले पर 71 साल के बुजुर्ग का कहना है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि सब्जी की दुकान सुबह लगानी है या शाम। इस पर एएसपी बैतूल ने इसे गलत बताने हुए कहा है कि वो इस मामले की जांच करेंगे।
जबकि लॉकडाउन नियम का उल्लंघन करने पर किसी भी व्यक्ति को इस तरह की सजा देने का कोई अधिकार फॉरेस्ट डिप्टी रेंजर के पास नहीं है। लॉकडाउन में सब्जी की दुकान लगाने का नियम सुबह 7 से 11 बजे तक है। लेकिन इस बुजुर्ग ने शाम 5 बजे तक दुकान लगा ली थी।