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मेरठ का आपरेशन कबाड माफिया, अब नहीं कटेंगी चोरी की गाड़ियां

भाजपा के एक सांसद की शिकायत पर सितंबर माह में शुरू हुआ यूपी पुलिस का ऑपरेशन कबाड़ माफिया आखिर 3 माह में सफल हो गया है। यह ऑपरेशन मेरठ पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया था। इसमें पुलिस ने अब तक आधा दर्जन से अधिक कबाड़ माफियाओं को न केवल गिरफ्तार किया है बल्कि उनकी करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति भी जब्त कर ली है। जिसमें किराए पर कबाड़ का काम शुरू करने वाले ऐसे माफिया भी है जो अब करोड़ों रुपए की कोठियां और प्लांट तथा जमीन के मालिक बन गए थे।
इस मामले की तह में जाने के लिए हमें 90 के दशक में जाना पड़ेगा। तब मेरठ का सोतीगंज इलाका दो चार कबाड़ की दुकानों के लिए जाना जाता था। यहां गाड़ियों के पुराने टायर और वह सामान दिखते थे जो एक्सीडेंट में खत्म हो चुकी गाड़ियों से निकाल कर बेचे जाते थे। लेकिन देखते ही देखते यहां सैकड़ों दुकानें बन गई। जिनमें कबाड़ का अवैध कारोबार होने लगा।
कुछ दिनों में ही मेरठ के सोतीगंज का यह इलाका वाहन चोरों का मनपसंद क्षेत्र बन गया। वाहन चोर दूसरे प्रदेशों से गाड़ियां चोरी करके यहां लाते और बेच देते थे। कबाड़ माफिया कुछ ही मिनटों में गाड़ी के पुर्जे पुर्जे को अलग करके गाड़ी का नामोनिशान ही खत्म कर देते थे। इसके बाद गाड़ी के उन पूर्जो को यहां से बेचा जाता था।
गाडी का जो नया टायर 4000 में मिलता था वह इस इलाके में हजार से लेकर 1200 में मिल जाता। यही नहीं बल्कि चोरी की गई गाड़ियों के सभी पुर्जे सस्ते में यहां मिलने लगे। कुछ दिनों बाद ही कबाड़ माफिया इस दो नंबर के धंधे में मालामाल हो गए। यह करोड़ों के स्वामी हो गए।
 बहुत दिनों से पुलिस की इस कारोबार पर नजर थी । लेकिन बताया जाता है कि पुलिस को नजराना मिलने के चलते कभी भी पुलिस इस बाजार की तरफ रुख नहीं करती थी। करीब 4 माह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने यह मामला पहुंचा। जहां कबाड़ माफियाओं पर लगाम लगाने के आदेश कर दिए गए।
बकौल मेरठ एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी “सोतीगंज में करीब 570 दुकन व गोदाम हैं, जहां चोरी व लूट के वाहन 3 मिनट से 5 मिनट में कटकर (पुर्जो में) बदल दिए जाते थे। यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान से चोरी व लूट के वाहन मेरठ के इसी सोतीगंज इलाके में कटते थे। अवैध वाहनों के काटने का यह कमेला 1990 से चल रहा था। तीस साल में पहली बार इस पर कार्रवाई हुई है । सोतीगंज में अवैध वाहनों का कटान होता था।
एसएसपी चौधरी के अनुसार जांच व विवेचना में सामने आया कि वाहन काटकर यहां पर सामान बेचा जा रहा था। 90 से 100 दुकानदारों को नोटिस भेजकर जबाव मांगा गया है। जिन व्यापारियों की स्पेयर पार्टस की दुकान है और उनका जीएसटी नंबर रजिस्टर है उनसे पूरी डिटेल उपलब्ध कराई जा रही है कि उन्होंने कहां से सामान खरीदा है और किस वाहन का सामान है। फिलहाल जिन दुकानदारों का एक नंबर का काम है उन्हें  अपनी दुकान खोलने के आदेश दे दिए गए हैं। जबकि कबाड के नाम पर अवैध कारोबार कर रहें आधा दर्जन लोगों पर कानूनी  कार्यवाही की गई है।

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