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वेस्ट यूपी में मायावती का दिग्गज गुर्जर नेता भाटी पर बडा दांव, करेंगे हाथी की सवारी

किसान आंदोलन पर एक तरफ जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश का जाट मतदाता भाजपा से खिन्न नजर आ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ गुर्जर नेता भी अब भाजपा के पाले से बाहर जाने को उतावले हो रहे हैं । बसपा प्रमुख तथा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती अब गुर्जर मतदाताओं पर नजर टिकाए है। मायावती ने अब वेस्ट यूपी में दिग्गज नेता माने जाने वाले समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी तथा उनके बेटे और भाई पर बड़ा दांव खेलना चाहती है। सूत्रों की मानें तो फिलहाल मायावती नरेंद्र भाटी के भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बिजेंद्र भाटी को अपने खेमे में लाने में सफल हो गई है।

बिजेंद्र भाटी फिलहाल भाजपा में है। वेस्ट यूपी में नरेंद्र भाटी और उनके भाई बिजेंद्र भाटी का गुर्जर मतदाताओं में खासा प्रभाव रहा है । पूर्व में समाजवादी पार्टी में रहते हुए बिजेंद्र भाटी पार्टी के जिला अध्यक्ष तथा जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। गत लोकसभा चुनाव में वह तिलपता गांव में हुई एक पंचायत के दौरान भाजपा में चले गए थे।

तब भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी महेश शर्मा को जिताने में बिजेंद्र भाटी ने भी पूरी जान लगा दी थी । लेकिन इसके बाद बिजेंद्र भाटी भाजपा में जाकर हाशिए पर चले गए । लोकसभा चुनाव के बाद बिजेंद्र भाटी को भाजपा ने कोई अहमियत नहीं दी । यहां तक कि उन्हें पार्टी का कोई पद भी नहीं दिया । जिसके चलते बिजेंद्र भाटी भाजपा में जाकर अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। फिलहाल , अब बिजेंद्र भाटी और उनके भतीजे तथा नरेंद्र भाटी के बेटे आशीष भाटी कल भाजपा छोड़ बसपा में शामिल हो जाएंगे।

बताया जा रहा है कि बसपा प्रमुख मायावती ने नरेंद्र भाटी को आश्वासन दिया है कि वह उनके भाई विजेंद्र भाटी को जेवर विधानसभा से पार्टी प्रत्याशी बनाएगी तथा नरेंद्र भाटी के बेटे आशीष भाटी को सिकंदराबाद विधानसभा से बसपा का टिकट दिया जाएगा।

फिलहाल, नरेंद्र भाटी समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य है । उनका कार्यकाल मार्च 2022 में पूरा होगा । लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि नरेंद्र भाटी अगले साल समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ बसपा की विधिवत सदस्यता ग्रहण कर लेंगे। इस दौरान यह भी सुनने में आ रहा है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता नरेंद्र भाटी बसपा प्रमुख मायावती से अपने कई समर्थकों को टिकट चाहते हैं।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में दादरी विधानसभा सहित सिकंदराबाद और जेवर विधानसभा के अलावा आसपास की कई विधानसभा सीटों को नरेंद्र भाटी प्रभावित करते हैं। जहां उनका मतदाताओं में खासा असर रहा है। नरेंद्र भाटी चाहते हैं कि इन विधानसभा सीटों पर उनके समर्थकों को पार्टी टिकट दे।

हालांकि नरेंद्र भाटी के अनुज विजेंद्र भाटी की माने तो अभी तक बसपा में उनका कोई कमिटमेंट नहीं हुआ है ना उन्होंने ना परिवार के किसी सदस्य ने बहन मायावती से अभी तक टिकट की शर्त रखी है। लेकिन निकट भविष्य में वह बसपा के टिकट पर अपनी दावेदारी जरूर करेंगे । बिजेंद्र भाटी यह भी कहते हैं कि वह पार्टी के ऊपर निर्भर है कि टिकट दे या ना दे ।

समाजवादी पार्टी और अब भाजपा में रहे बिजेंद्र भाटी के बारे में यह भी चर्चा आम है कि वह अपने बेटे को जिला पंचायत का चुनाव लड़ा कर जिला पंचायत गौतम बुद्ध नगर अध्यक्ष पद की दावेदारी भी कर सकते हैं। चर्चा है कि बसपा ने उनके पुत्र अमन भाटी को जिला पंचायत वार्ड नंबर चार से प्रत्याशी बनाने तथा जिला पंचायत गौतम बुद्ध नगर का अध्यक्ष पद पर टिकट के लिए हामी भर दी है । इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले नरेंद्र भाटी पूरी तरह बसपा के हो जाएंगे।

गौरतलब है कि 2 दिन पूर्व संजय भाटी भी बसपा में चले गए हैं। संजय भाटी नरेंद्र भाटी के राजनीतिक सहयोगी रहे दादरी के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी के भतीजे हैं। दोनों के परिवार का आपस में राजनीतिक संतुलन रहा है ।

इस मामले में जब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजकुमार भाटी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नरेंद्र भाटी और उनके पारिवारिक रिश्ते रहे हैं । वह एक राजनेता के तौर पर भी उनको सम्मान देते रहे हैं ।

साथ ही राजकुमार भाटी बिजेद्र भाटी के भाजपा छोड़ बसपा में जाने को बताते हैं कि बिजेंद्र भाटी को भाजपा ने अपनी पार्टी में ले तो जरूर लिया था लेकिन सिर्फ लोकसभा चुनाव जीतने के लिए। उसके बाद बिजेंद्र भाटी भाजपा में एक बंधक नेता के रूप में रह रहे थे।

फिलहाल, वह इस बंधन को तोड़ कर बसपा ज्वाइन कर रहे हैं तो उनका यह कदम स्वागत योग्य है। साथ ही राजकुमार भाटी यह भी दावा हैं कि वह अपने मोर्चे पर समाजवादी पार्टी के बैनर पर अडे रहेंगे। इस दौरान पारिवारिक मित्रता आड़े नहीं आएगी।

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