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JNU में नकाबपोशों ने किया हमला, छात्रों और टीचरों को पीटा

दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार देर शाम को कुछ नकाबपोश लोगों ने हमला किया। हिंसा में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष समेत लगभग 25 लोगों के घायल होने की खबर है। इसमें शिक्षकों के भी घायल होने की खबर है। सभी घायलों को एम्स में भरती कराया गया है। जेएनयू छात्रसंघ ने आरोप लगाया है कि हमला करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के लोग थे।

खबरों के मुताबिक, नकाबपोश हमलावर कई हॉस्टलों में घुसे और एक के बाद एक कई लोगों पर हमला किया। सबसे पहले करीब साढ़े सात बजे जेएनयू छात्रसंघ ने ट्वीट किया और बताया कि छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष हमले में बुरी तरह घायल हो गई हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि घायल आइशी के सिर से खून बह रहा है और वो इंग्लिश में कुछ कह रही हैं।

चश्मदीदों के अनुसार, हमला करने वालों की संख्या तकरीबन 50 के आसपास थी। हमला करने वालों की हाथों में डंडे और लाठियां थीं। अधिकतर के चेहरों पर कपड़े बंधे हुए थे। जैसे ही वे लोग कैंपस अंदर आए सामने जो आया उसपर हमला बोल दिया। फिलहाल कैंपस के बाहर भारी पुलिस दल को तैनात किया गया है।

दूसरी तरफ जेएनयू और दूसरे विश्वविद्यालयों के छात्र दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जमा हो गए हैं। वहीं जेएनयू प्रशासन का कहना है कि नियमों का उल्लंघन कर कैंपस के शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल खराब करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। जेएनयू प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज की जा रही है।

दिल्ली पुलिस के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई लिखा है कि जेएनयू कैंपस में फ्लैग मार्च किया गया है और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। वहीं, मानव संसाधन मंत्रालय ने जेएनयू रजिस्ट्रार से कैंपस की स्थिति पर तुरंत रिपोर्ट मांगी है।

गृह मंत्रालय ने ट्वीट जानकारी दी है कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर से गृहमंत्री अमित शाह ने जेएनयू हिंसा पर बात की है और उन्हें आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी से गृहमंत्री ने इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं और जल्द-से-जल्द रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

जेएनयू की शिक्षक आयशा किदवई के हवाले से ‘द हिंदू’ ने रिपोर्ट किया है कि उनकी सहकर्मी प्रोफेसर सुचित्रा सेन पर भी हमला किया गया है और उन्हें एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। आयशा किदवई ने बताया, “एबीवीपी के गुंडे हॉस्टल में घुसे और शिक्षकों की गाड़ियों को भी तोड़ा। जेएनयू के सिक्योरिटी स्टाफ ने कुछ नहीं किया। पुलिस अब कैंपस में पहुंच चुकी है लेकिन कैंपस में आने के कई रास्ते हैं।”

दूसरी तरफ एबीवीपी का कहना है कि उनका इस हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है। हिंसा के पीछे लेफ्ट संगठनों का हाथ है। एबीवीपी मुताबिक 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हैं और 11 की कोई जानकारी नहीं है।

मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “जेएनयू में हुई हिंसा की खबर सुनकर हैरान हूं। छात्रों पर बेरहमी से हमला किया गया। पुलिस को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए। अगर हमारे छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा?”

इसके अलावा दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने ट्वीट कर हिंसा की निंदा की है। उन्होंने लिखा है, “छात्रों और प्राध्यापकों के साथ हिंसा निंदनीय है। मैंने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि वो सभी संभव प्रयास करें और जेएनयू प्रशासन के साथ मिलकर स्थिति पर नियंत्रण बनाएं। जो लोग हिंसा के पीछे हैं उनके खिलाफ कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई हो।”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है, “जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों का हमला, छात्रों और टीचरों को पीटा जाना, हैरान करने वाला है। सत्ता में बैठे फासीवादी लोग बहादुर छात्रों से घबरा गए हैं। आज की हिंसा उनके डर का प्रतिबिंब है।”

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