राज्य में लगातार बढ़ रहे तलाक के एक मामले में केरल हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि आज के समाज को देखकर ऐसा लगता है जैसे समाज में शादी “यूज एंड थ्रो” का कल्चर बन गई है। जिसे केरल हाईकोर्ट अन्याय माना है।
कुछ समय पहले हाईकोर्ट में 9 साल तक वैवाहिक सम्बन्ध में रहने के बाद एक युवक जिसके वर्तमान में 3 बच्चे भी हैं ने याचिका डाली थी कि वह अपनी पत्नी से तलाक लेना चाहता है। जिसका कारण बताते हुए युवक ने कहा कि उसकी पत्नी के व्यवहार में परिवर्तन आ गया है और वह उसपर शक करने लगी है। जिसकी वजह से वह तलाक लेना चाहता है। युवक की इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि “अगर पत्नी के पास शक करने के लिए कोई वैध कारण है और वो उस आधार पर सवाल करती है, अपना दुख जताती है तो इसे ये कैसे गलत बिहेवियर नहीं कहा जाएगा। ये किसी पत्नी का आम व्यवहार है। इसे ‘क्रूरता’ नहीं कहा जा सकता और इसे आधार बनाकर तलाक नहीं लिया जा सकता।”
हाईकोर्ट ने कहा कि माँ बाप के बीच होने वाले तलाक का बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसपर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कोर्ट ने कहा कि “गॉड्स ऑन कंट्री कहा जाने वाला केरल अपने पारिवारिक संबंधों के लिए प्रसिद्ध था। लेकिन आज की पीढ़ी स्वार्थ और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण रिश्ते तोड़ देती है, बच्चों की परवाह नहीं करती तबाह परिवारों की चीखें पूरे समाज की अंतरात्मा को झकझोरती हैं। जब लड़ते-झगड़ते कपल, मां बाप के बिना बड़े हुए बच्चे और तलाकशुदा लोगों की संख्या बढ़ जाती है तो इसका असर समाज की शांति पर भी पड़ता है और ये सामाजिक विकास में भी बाधा बनता है। ”
जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं युवा
कोर्ट का यह भी कहना है कि आज कल के युवा जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं इसलिए लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ताकि उन्हें कोई जिम्मेदारी न उठानी पड़े और जब उनका मन करे वे रिश्ते से मुक्त हो जाएं। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा “आजकल की युवा पीढ़ी शादी को बुराई की तरह देखती है। उन्हें लगता है कि बिना किसी जिम्मेदारी और फर्ज़ के आज़ाद ज़िंदगी जीना है तो शादी न करना ही ठीक है। पहले ‘WIFE’ का मतलब ‘Wise Investment For Ever’ होता था ” अब की युवा पीढ़ी इसे ‘Worry Invited For Ever’ की तरह देखती है। ” जिसके कारण राज्य में तलाकसुदा लोगों की संख्या बढ़ रही है।