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चीन के साथ हुए भारत के समझौते पर उठ रहे हैं कई सवाल

चीन के साथ हुए भारत के उस समझौते पर सैन्य मामलों के जानकारों द्वारा सवाल कई सवाल उठाए जा रहे हैं। इस नए समझौते के अनुसार, भारत ने अपने अधिकार क्षेत्र वाले पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी तट पर 10 किलोमीटर चौड़े बफ़र ज़ोन को बनाने के लिए सहमति दे दी है।

इसके अनुसार, पैंगोंग झील के इलाक़े में चीन के साथ डिस्इंगेजमेंट के समझौते के तहत दोनों पक्ष अपनी आगे की सैन्य तैनाती को चरणबद्ध तरीक़े से, समन्वय बनाते हुए और प्रमाणिक तरीक़े से पीछे हटायेगा।

इस मामले पर एक जानकार का कहना है कि पैंगोंग और कुछ अन्य सेक्टरों में भी डिस्इंगेजमेंट को लेकर भारत को चीन पर दबाव बनाना चाहिए था और ऐसा नहीं करके भारत ने बहुत बड़ी चूक कर दी है क्योंकि कूटनीतिक और सैन्य दृष्टि से यह क्षेत्र भारत के लिए बेहद अहम है। यह वही क्षेत्र है, जहां माना जाता है कि चीन की सेना भारत के अधिकार वाले क्षेत्र में 18 किलोमीटर तक अंदर प्रवेश कर गई है।

इसके एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने चीन को भारत की ज़मीन दे देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय की ओर से आपत्ति जताई गई थी और इस दावे का खंडन किया गया था।

PM नरेंद्र मोदी देश की सुरक्षा पर नहीं दे रहे हैं ध्यान

बीबीसी के एक खबर के अनुसार, रक्षा मामलों के जानकार और कर्नल (सेवानिवृत्त) अजेय शुक्ला ने इस संबंध में कहा है कि,”मेरी समझ में ये एक अच्छा अग्रीमेंट है क्योंकि पैंगोंग के उत्तर और दक्षिण, दोनों जगह भारत और चीन के सैनिक बिल्कुल आमने-सामने थे। किसी भी समय झड़प की आशंका बनी हुई थी और वो झड़प सिर्फ़ झड़प ना रहकर बढ़ जाए, इसकी भी पूरी आशंका बनी हुई थी। इस लिहाज़ से ख़तरा हर समय बना हुआ था, तो वहां से दोनों ओर की सेनाओं का पीछे हटना अच्छी बात थी। लेकिन यहां ये भी कहना ज़रूरी है कि यहां पर दक्षिणी पैंगोंग ही एकमात्र ऐसी जगह थी जहां भारतीय सेना अच्छी पोज़िशन पर थी।”

वो कहते हैं, ”चीन की सेनाओं की तुलना में इस जगह पर भारतीय सेना की स्थिति काफी अच्छी थी और यहां पर सारी एडवांटेज भारतीय सैनिकों के पास थी। तो यहां से डिस्इंगेजमेंट के लिए सहमति देने का मतलब अब यह है कि जो ट्रंप कार्ड हमारे हाथ में था, हम वो खेल चुके हैं। वो अब हमारे पास नहीं रहा है और अगर चीन ये बात नहीं मानता है कि बाकी जगहों से भी डिस्इंगेजमेंट करना है और वो उससे इनक़ार कर दे तो हमारे पास में कोई ट्रंप कार्ड नहीं बचा है।”

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता एवं देश मे पूर्व रक्षा मंत्री ने भाजपा पर यह आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सुरक्षा पर बिलकुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि, ‘भारत ने सेना का मनोबल गिराया है।’

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