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संगमनगरी में संकट का साथी बना मनोज, 8 साल में बचाई 300 लोगों की जान

बात 2010 की है। प्रयागराज के कीड़ा गंज वोट क्लब के सामने यमुना नदी में एक युवक स्नान कर रहा था। अचानक वह डूबने लगा लोग। उसे बचाने के लिए चिल्लाने लगे । लेकिन बचाने को कोई भी नहीं आ रहा था। तभी एक शख्स की नजर उस पर पड़ी। जिसने अपनी जान जोखिम में डालकर यमुना नदी में छलांग लगा दी। इसके बाद वह सख्श डूबते युवक को मौत के मुंह से खींच लाया।
 प्रयागराज का यह शख्स है मनोज निषाद। मनोज निषाद वैसे तो एक नाविक है। लेकिन लोग उसे इंसानों का मसीहा कहते हैं। अचानक घटित इस घटना ने मनोज की जिंदगी में बड़ा फेरबदल कर दिया । उस दिन के बाद वह लोगों की जान बचाने के लिए जाने जाने लगा।
 मनोज निषाद ने इसे ही अपने जीवन का मकसद बना लिया । अब तक वह यमुना नदी में डूबते हुए करीब 300 लोगों की जान बचा चुका है। पिछले 8 साल से उसने यह काम कर दिखाया है । जो लोग पूरी जिंदगी नहीं कर पाते। प्रयागराज में अब हालात यह है कि अगर किसी की जान बचानी हो तो वह मनोज निषाद को याद करता है।
मनोज प्रयागराज में मिंटू पार्क के सामने नए पुल से लेकर संगम तक नाव चलाता है और उसी से ही अपने परिवार का पेट पालता है। 2013 से ही वह नाव चलाने के साथ ही लोगों की जान बचाने के लिए भी अपनी जान बाजी पर लगा देता है। बताया जा रहा है कि मनोज ने अब तक 300 लोगों को मौत के मुंह से निकाला है। इसके चलते ही पुलिस विभाग की तरफ से उसे प्रशस्ति पत्र मिल चुका है।

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