[gtranslate]
Country

मणिपुर हमला : जानें उग्रवादी संगठन ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ का इतिहास

9 नवंबर को मणिपुर में असम राइफल के काफिले पर हुए उग्रवादी हमले में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी सहित लगभग चार जवान शहीद हुए हैं। हमले में कर्नल त्रिपाठी की पत्नी और छह साल के बेटे की भी मौत हो गई।पिछले कई सालों से मणिपुर समेत पूरा पूर्वोत्तर शांत रहा है। अचानक हुए इस उग्रवादी हमले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर कुछ वर्षों से चीनी सीमा पर बनी अस्थिरता के बीच यह हमला केंद्र सरकार के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। इस हमले की जिम्मेवारी मणिपुर नागा पीपल्स फ्रंट ने ली है।

 

सेना की टुकड़ी पर घात लगाकर किए गए हमले में सीओ समेत जवान भी शहीद हुए हैं। मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिनघाट सब-डिवीजन में ये हमला उग्रवादी संगठन के द्वारा किया गया है। इस साजिश के पीछे मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का नाम बताया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं कि इस आतंकी संगठन का इतिहास क्या है ? आखिर क्यों अब ये हरकत में आया और अचानक हमला किया गया ?

1978 में संगठन का निर्माण

पीएलए की स्थापना एन बिशेश्वर सिंह ने 25 सितंबर, 1978 को मणिपुर को भारत से अलग आजाद देश बनाने की मांग के लिए की थी। बिशेश्वर सिंह ने यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) से अलग होकर ये संगठन बनाया था। ये संगठन आज मणिपुर के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक है।

संगठन में ज्यादातर लोग मैतेई और पंगल जाति के हैं।

संगठन का दावा है कि हम राज्य में सभी जनजातियों के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन राज्य में नागा, कुकी और अन्य आदिवासी समूह उनके साथ नहीं हैं। इसके लड़ाके मैतेई और पंगल जाति के हैं। मणिपुर की लगभग 53 प्रतिशत आबादी मैतेई समुदाय की है। असम, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय और मिजोरम के अलावा ये पड़ोसी देश बांग्लादेश और म्यांमार में भी बसे हुए हैं। इस समुदाय के लोग चीन-तिब्बती बोलते हैं।

चीन से मिलती है इसको मदद

स्वतंत्र मणिपुर की मांग करने वाले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी संगठन को भारत सरकार ने उग्रवादी संगठन घोषित कर रखा है। पहले भी इस संगठन का नाम मणिपुर में भारतीय सुरक्षाबलों पर हमला करने के लिए सुर्खियों में आता रहा है। जानकारी के मुताबिक इस संगठन को चीन से समर्थन मिलने के कारण। ये असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में भी अलगाववाद को बढ़ावा देता आ रहा है।

पीएलए मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट का भी हिस्सा

1989 में पीएलए ने मुख्यधारा की राजनीति के लिए के रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) नाम का राजनीतिक दल भी बनाया था। पीएलए मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट का भी सदस्य है, जो मणिपुर के तीन अलगाववादी संगठन है।

यहीं पर उग्रवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर IED अटैक किया था। इस हमले को उस समय अंजाम दिया गया जब 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर फॉरवर कैंप से वापस बटालियन मुख्यालय लौट रहे थे। उस समय उनके काफिले में कर्नल त्रिपाठी की पत्नी और बेटा भी मौजूद था। जिनकी इस हमले में मौत हो गई।

जानकारों के मुताबिक पहले उग्रवादियों ने IED ब्लास्ट किया और उसके बाद काफिले पर फायरिंग की गयी। जिसके बाद जवाबी फायरिंग में हमलावर उग्रवादियों के भी घायल होने की खबर मिली है। इस हमले में असम राइफल्स के चार जवान घायल हुए थे। उन्हें गोलियां लगी थीं। जिनका अभी अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है।

मणिपुर की ज़िम्मेदारी की MNPF ने

एम् एन पी एफ ने ज़िम्मेदारी ली और एक नोट भी जारी कर दिया गया है। उस नोट में आज शनिवार की घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है  कि हमला करने वाले लोग इस बात से अंजान थे कि काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चा भी मौजूद थे । ऐसे में नोट के अंदर जवानों को ही नसीहत दे दी गई है कि वे संवेदनशील इलाकों में परिवार को साथ लेकर ना आए। जिन इलाकों को सरकार ने भी सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना है, वहां पर परिवार का रहना ठीक नहीं है।

संयुक्त बयान उप प्रचार सचिव रोबेन खुमान और थॉमस ननुमाई द्वारा कहा गया कि उनकी तरफ से इस हमले की पूरी जिम्मेदारी ले ली गई है। अब सरकार कब और किस तरह से इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करती है, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। वैसे मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी इस मामले की जांच अभी कार्य पर है।

जायज़ा लेने सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग इंफाल पहुंचे हैं। उनके साथ ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ़्टिनेंट जनरल एमएमएल रॉय और जीओसी-3 कोर लेफ़्टिनेंट जनरल विपिन भी वहां पहुंचे हैं। सेना के जवानों पर गुरुवार को हुए हमले के मद्देनजर उग्रवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। साथ ही म्यांमार से भी बातचीत चल रही है कि वो भी उग्रवादी संगठनों पर कार्रवाई करे।

हमले के बाद से इस इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है। सेना के जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। गुरुवार को उग्रवादियों के एक गुट ने सेना पर घात लगाकर हमला किया था।

ऑल इंडिया रेडियो के मुताबिक़ नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नगालैंड-खपलांग (NSCN-K), कांगेली येवोल कन्ना लूप (KYKL) और कांगलेपाक कम्यूनिस्ट पार्टी (KCP) ने संयुक्त रूप से हमले की ज़िम्मेदारी ली है। आतंकी हमले के बाद गुरुवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने गृह मंत्री से मुलाकात की थी।

You may also like

MERA DDDD DDD DD