चुनावों में सहानुभूति के बल पर वोट बटोरना कोई नई बात नहीं है। बरसों से यह चला आ रहा है। कोई अपने सगे संबंधी या परिजन की मौत के बाद जब चुनाव लड़ता है तो उसे सहानुभूति का बल मिलता है । जिसके बलबूते वह चुनाव जीतते रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के चुनाव में मामला इससे थोड़ा सा मिलता जुलता है। मतलब यह है कि इस चुनाव में भी सहानुभूति वोटों की बारिश हो सकती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 3 दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान अकस्मात रूप से घायल हो गई थी । हालांकि पैर पर प्लास्टर होने के बाद अस्पताल में ममता बनर्जी को 48 घंटे में डिस्चार्ज कर दिया । लेकिन इसके बाद वह अपने पैरों पर अस्पताल से बाहर नहीं आ सकी। बल्कि उसे व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा।
तब कहा गया कि ममता बनर्जी पर हमला हुआ है । लेकिन बाद में जांच के दौरान पता चला कि जब वह गाड़ी में खड़े होकर चुनाव प्रचार कर रही थी तो खिड़की खुला होने के कारण वह खंबे से टकराई और उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया। हालांकि इसके बाद पश्चिम बंगाल में राजनीति शुरू हो गई।
पश्चिम बंगाल के टीएमसी नेता इस तथाकथित हमले में भाजपा का हाथ बताने लगे । जबकि सच क्या है यह सब के सामने हैं। हालांकि यह निश्चित है कि ममता बनर्जी को पैर में फ्रैक्चर जरूर हुआ है। अभी डॉक्टर ने उनको चलने चलने से मना कर दिया है।
इसके चलते ही वह अपने चुनाव प्रचार में व्हीलचेयर का प्रयोग करेंगी। कहा जा रहा है कि व्हीलचेयर के जरिए वह सहानुभूति वोटों को बटोरने की कोशिश करेगी । इसमें ममता बनर्जी को कितनी सफलता मिलेगी यह तो चुनाव बाद परिणामों में ही पता चलेगा।
अस्पताल के बिस्तर से जारी वीडियो संदेश में बनर्जी ने कहा कि वह कुछ दिनों में चुनाव प्रचार के लिए लौटेंगी और जरूरत पड़ने पर व्हील चेयर का इस्तेमाल करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी पार्टी के कैडर, समर्थकों ओर आम लोगों से अपील करती हूं कि शांति बनाए रखें। यह सच है कि कल रात मैं बुरी तरह जख्मी हो गई और सिर एवं छाती में तेज दर्द हुआ। चिकित्सक मेरा इलाज कर रहे हैं।’’
बनर्जी ने आगे कहा, ‘‘मैं हर किसी से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं। मैं अगले कुछ दिनों में क्षेत्र में लौटने की उम्मीद करती हूं। मैं अपनी कार से लोगों को अभिवादन कर रही थी। तभी मैं घायल हो गई। इस घटना के बाद मैं वापस कोलकाता लौट आई। यहां मेरा इलाज चल रहा है।’’
गौरतलब है कि इस बार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में भाजपा बड़ी जोर-शोर से तैयारियों में जुटी है । देश के प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और खुद गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दौरे पर दौरे कर रहे हैं । इस दौरान भाजपा ने सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी के दर्जनों विधायकों को तोड़कर अपने साथ शामिल कर लिया है ।
कई मंत्री भी टीएमसी छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं । फिलहाल, ममता बनर्जी की राह आसान नजर नहीं आ रही है। हालांकि व्हीलचेयर पर वह मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर सकती हैं। इसकी संभावनाएं ज्यादा हैं।