अगले साल अप्रैल -मई में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासत तेज होती जा रही है।इस बीच विपक्ष पर लगातार हमलावर तेवर अपनाने वाली राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी के बागी नेताओं को चेतावनी दी है। उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल तमाम नेताओं को पार्टी छोड़ने की पूरी आजादी दे दी है।
ममता अपने ठोस अल्पसंख्यक वोट बैंक के समर्थन से लगभग दस साल से सत्ता में हैं। लेकिन इस बार असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑलइंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के भी बंगाल चुनाव में उतरने के ऐलान और भाजपा राज्य में ध्रुवीकरण कर बड़ी ताकत के रूप में उभर रही है। इससे ममता की पार्टी के समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं।इससे ममता की चुनौती और बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि ममता ने इस बड़ी चुनौती को स्वीकार कर लिया है। अपने स्वभाव के अनुरूप वे किसी भी दशा में हार नहीं मानने वाली हैं उन्होंने स्पस्ट सन्देश दिया है कि जो भी नेता पार्टी से जाना चाहते हैं जाएं ,इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। उनका साफ़ सन्देश है कि तृणमूल कांग्रेस का अस्तित्व सिर्फ उनसे है।
दरअसल हाल में ममता सरकार के मंत्री से लेकर टीएमसी के कई नेताओं ने दबी जुबान से ही सही, अपना बागी तेवर दिखा दिया है। पश्चिम बंगाल के राजनीतिक गलियारों में ऐसे नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की कयासबाजी तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल चार दिसंबर को ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के खिलाफ कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि विपक्ष के संपर्क में रहने वाले तृणमूल नेता पार्टी छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि टीएमसी सुप्रीमो ने कोई नाम नहीं लिया, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक उनका इशारा हाल ही में मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले असंतुष्ट नेता शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के खिलाफ बोलने वाले कुछ अन्य विधायकों की ओर था।
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी की बैठक में बनर्जी ने कहा कि अगर एक नेता पार्टी से बाहर हो जाता है तो वह ऐसे लाख और नेता बना सकती हैं।
उन्होंने शुभेन्दु अधिकारी के पिता और पुरबा मेदिनीपुर टीएमसी प्रमुख और कांथी से सांसद शिशिर अधिकारी के साथ भी बात की और उनसे पार्टी विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने और पार्टी की जिला इकाई से विरोध खत्म करने को कहा। टीएमसी नेता ने कहा कि शिशिर दा ने कहा कि वह इस पर गौर करेंगे।
ममता बनर्जी ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया और टीएमसी की किसान शाखा से कहा कि वह आठ दिसंबर से मध्य कोलकाता में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन करे।उन्होंने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और विपक्षी खेमे के संपर्क में रहने वाले लोग पार्टी छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं ।