पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य की मुखिया ममता बनर्जी के बीच जंग जारी है। इस बीच राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को अब तक लागू नहीं करने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि इस योजना से राज्य के करीब 70 लाख किसानों को लाभ होना था ।
पिछले एक साल में कई मुद्दों को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथ लेने वाले धनखड़ ने कहा कि तृणमूल सरकार ने किसानों के साथ ‘बेहुदा मजाक’ किया है। उन्होंने कहा, ”यह जानकर निराशा हुई कि योजना के तहत पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों को केंद्रीय सहायता से वंचित किया जा रहा है।”
धनखड़ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ”राज्य के किसान पहले ही 8 हजार 200 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त नहीं कर सके जबकि देशभर के प्रत्येक किसानों को साल भर में 12 हजार रुपये मिले। हमारे किसानों को राज्य सरकार की असंवेदनशीलता और टकराव के कारण इस अधिकार से वंचित किया गया है।”
वहीं, सरकार ने कहा कि उसने राज्य में किसान के हित वाली कई परियोजनाएं शुरू की हैं। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2018 से यह योजना शुरू की थी और अब तक बंगाल को छोड़ कर देश के अन्य राज्यों के किसानों को अब तक 92 हजार करोड़ रुपये की सहायता मिल चुकी है जबकि बंगाल के किसानों को अभी तक कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने मुख्यमंत्री से यहां के किसानों के साथ अन्याय को खत्म करने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है। इस योजना को लेकर राज्यपाल पहले भी कई बार राज्य सरकार की किरकिरी कर चुके हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सभी पंजीकृत किसानों को एक साल में तीन बार दो -दो रुपये हजार रुपए की किस्त सीधे उनके बैंक खाते में केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही हैं। यानी एक साल में किसानों को 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलती है । दिसंबर 2018 में यह योजना शुरू की गई थी।लॉकडाउन के दौरान किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाने में इस योजना का बहुत बड़ा योगदान रहा।25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की गई और उसके एक सप्ताह बाद देशभर के किसानों के अकाउंट में पैसे आने शुरू हो गए थे। हालांकि सिर्फ बंगाल के किसान इससे वंचित हैं। केंद्र का कहना है कि बार-बार कहने के बावजूद बंगाल सरकार किसानों की सूची उपलब्ध नहीं करा रही है, जिसके कारण वह पैसा नहीं भेज पा रहे हैं।