पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक में सम्मिलित होने से इंकार कर दिया है। इस बैठक को दिल्ली में 13 जनवरी को सोनिया गांधी की ओर से आयोजित होना है।
ममता बनर्जी ने बीते बुधवार को दक्षिणी चौबीस परगना जिले में वामदलों और कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि हम बंगाल में किसी भी प्रकार की हड़ताल का समर्थन नहीं करेंगे। जिनका राज्य में कोई राजनीतिक अस्तित्व नहीं है वह हड़ताल जैसी सस्ती राजनीति कर राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें राज्य में हड़ताल नहीं करने देंगे।
साथ ही बनर्जी ने यह भी कहा कि वह केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों, सीएए और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में बुलाए गए बंद के मकसद का समर्थन करती हैं लेकिन उनकी पार्टी और सरकार किसी भी प्रकार के बंद के विरोध में हैं। वो वहां गंगासागर मेले के प्रबंधन की समीक्षा करने आई थीं।
ममता ने दावा किया कि हड़ताल करने वालों ने राज्य या देश के किसी भी कोने में सीएए या एनआरसी के खिलाफ आंदोलन में भाग नहीं लिया और अब वह हड़ताल का आह्वान कर शार्टकट के जरिए अपना अतित्व साबित करना चाहते हैं।
तृणमूल अध्यक्ष ने पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की इकाई की तुलना केरल की इकाई से किया। उन्होंने कहा कि वामपंथी केरल में हिंसा नहीं करते पर पश्चिम बंगाल में करते हैं।
उन्होंने हड़ताल के दौरान उत्तरी चौबीस परगना जिले में रेल की पटरियों पर विस्फोटक पाए जाने की घटना का भी उल्लेख किया और वामदलों पर हिंसा और उपद्रव करने का आरोप लगाया।