देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार 26 फरवरी को घोषणा कर दी है। आयोग ने चुनाव से जुड़ी गाइडलाइन भी जारी कर दी है। इन पांच राज्यों में 23 मार्च से 29 अप्रैल के बीच अलग-अलग चरणों में होंगे, तो वहीं मतों की गणना 2 मई को होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चार राज्यों व केंद्र शासित पुडुचेरी को मिलाकर कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा और इस दौरान कुल 18.68 करोड़ मतदाता 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान करने के पात्र होंगे। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में जबकि असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा। लेकिन अब बंगाल के आठ चरणों में चुनाव होने पर विवाद छिड़ गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने आठ चरणों में चुनाव कराए जाने को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है।
बीजेपी पर हमला बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैं चुनाव आयोग के फैसले का सम्मान करती हूं, लेकिन जिलों में तोड़-फोड़ क्यों। दक्षिण 24 परगना हमारा गढ़ है, वहां मतदान 3 अलग-अलग चरणों में होगा। क्या यह मोदी और शाह की सुविधा के अनुसार किया गया है ? मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करता हूं कि वह पश्चिम बंगाल को अपना राज्य मानें, न कि भाजपा की नजर से। ममता ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री को देश के लिए काम करना चाहिए। वह यहां चुनाव के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं कर सकते। हम पीएम का स्वागत करते हैं लेकिन वे पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं कर सकते हैं। राज्य चुनाव के लिए केंद्र अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं कर सकता। अगर वे ऐसा करते हैं, तो यह एक बड़ी गड़बड़ी होगी। फिर, उन्हें शोर-शराबे का सामना करना पड़ेगा। हम आम लोग हैं, हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे। चुनाव आयोग से धन के दुरुपयोग को रोकने का अनुरोध करेंगे। बीजेपी ने सभी डिस्टिक को एजेंसियों के माध्यम से पैसा भेजा।
दूसरी तरफ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव ऐलान की तारीखों के बाद कहा कि मैं चुनाव आयोग से अपेक्षा करता हूं कि चुनाव शांतिपूर्ण हो। इसके लिए आप अतिरिक्त बल के साथ अतिरिक्त अधिकारियों की भी नियुक्ति करे ताकि लोग निर्भीक होकर मतदान कर सके। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल शहरी रोजगार योजना के अंतर्गत कुशल, अर्धकुशल और अकुशल कामगारों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की है। ममता बनर्जी ने ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए लिखा कि इस घोषणा से पश्चिम बंगाल में 56,500 से अधिक दिहाड़ी मजदूरों को लाभ मिलेगा। इसके लिए बजट का प्रावधान वित्त वर्ष 2021-22 में किया गया है।