पिछले कुछ महीनों से देश में बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों के गठबंधन की जोरदार चर्चा हो रही है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, जद (यू) जैसे कई विपक्षी दलों ने समय-समय पर बयान दिया था कि वे इसमें रुचि रखते हैं। इसलिए, यह कयास लगाएं जा रहे थे कि विपक्षी दलों को 2024 के चुनावों में बढ़त मिलेगी। हालांकि विपक्षी पार्टियों की इन कोशिशों को बड़ा झटका लग रहा है। क्योंकि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने ‘एकला चलो रे’ का नारा दिया है।
सागरदिघी में ममता बनर्जी की हार?
हाल ही में पश्चिम बंगाल में सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव हुए थे। इन चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत हुई है और तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार की हार हुई है। विपक्ष ने सत्ता में रहने के बावजूद ममता बनर्जी की पार्टी के उम्मीदवार की हार की आलोचना शुरू कर दी है। इस पृष्ठभूमि में ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में विस्तृत रुख पेश किया।
ममता बनर्जी ने कहा है कि वह सागरदिघी में हार के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराएंगी। ममता बनर्जी ने कहा, “कभी-कभी लोकतंत्र में विकास सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है। लेकिन इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच अनैतिक गठबंधन हुआ। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। यह देखा गया है कि भाजपा ने अपना वोट कांग्रेस को स्थानांतरित कर दिया है।”
उन्होंने कहा, ”सभी ने चुनाव में जाति-धर्म कार्ड का इस्तेमाल किया। बेशक, बीजेपी ने चुनाव को जातिगत रंग दे दिया। लेकिन कांग्रेस, माकपा ने भी इस तरह की राजनीति बड़े पैमाने पर की। दरअसल बीजेपी से मदद लेने के बाद अब कांग्रेस को खुद को बीजेपी विरोधी कहना बंद कर देना चाहिए।
2024 चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान
इस बीच ममता बनर्जी ने अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा, “2024 में, तृणमूल कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। हम जनता के समर्थन से चुनाव लड़ेंगे। मुझे विश्वास है कि जो लोग भाजपा को हराना चाहते हैं वे निश्चित रूप से तृणमूल कांग्रेस को वोट देंगे। “
एक तरफ बीजेपी को हराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी मोर्चा बनाने की कोशिश की जा रही है, तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी के आजादी के नारे से विपक्ष की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है।