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नौ हजार करोड़ लेकर विदेश भागे कारोबादीविजय माल्या के वित्तमंत्री अरुण जेटली पर सनसनीखेज आरोप के बाद देश में राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी जांच की मांग करते हुए कई सवाल दाग रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्तमंत्री जेटली के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने ये कह कर इस मामले में और हलचल मचा दी कि माल्या के देश छोड़कर भागने से दो दिन पहले उन्होंने माल्या और जेटली को सेंट्रल हॉल में बातचीत करते हुए देखा था।

कांग्रेस नेता पुनिया का कहना है कि उसी बातचीत में हो सकता है, जेटली ने माल्या को देश छोड़ने की सलाह दी हो। पुनिया कहते हैं, जब विजय माल्या देश से भागे हैं, उससे दो दिन पहले सेंट्रल हॉल में मैंने देखा कि विजय माल्या अलग से अरुण जेटली से बहुत गंभीर वार्ता कर रहे हैं। अब उन्होंने स्वीकार किया कि मैं वित्तमंत्री से मिला था और सेटलमेंट करना चाहता हूं। इन्होंने (जेटली ने) राय दी कि अब हिंदुस्तान से चले जाओ वर्ना जांच एजेंसियां आपके पीछे पड़ी हैं।’

12 सितंबर को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि मैं भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था। लंदन के वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के बाहर उन्होंने कहा, ‘मैंने पूरे मामले को सुलझाने के लिए भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। मैं बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए तैयार था लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट को लेकर सवाल खड़े किए।’

माल्या के इन आरापों पर अरुण जेटली ने अपनी सफाई देते हुए उन्होंने आरापों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, ‘माल्या का बयान गलत है। साल 2014 के बाद से मैंने उन्हें मिलने का वक्त ही नहीं दिया। ऐसे में उनसे मेरे मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।’

जेटली के मुताबिक राज्यसभा के सदस्य होने के नाते माल्या ने कभी-कभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया। अरुण जेटली ने लिखा है, ‘उसने एक बार इस विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गया। चलते-चलते उसने कहा कि उसके पास कर्ज के समाधान की एक योजना है।’

जेटली ने कहा, ‘उसकी ऐसी ‘झूठी पेशकश’ के बारे में पूरी तरह अवगत होने के कारण उसे बातचीत आगे बढ़ाने का मौका नहीं देते हुए मैंने कहा कि ‘मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए।’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माल्या के दावे को ‘अति गंभीर आरोप’ करार दिया। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को जांच का आदेश देना चाहिए। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘लंदन में आज माल्या की ओर से लगाये गए अति गंभीर आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री को तत्काल स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए। जब तक जांच चलती है तब तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से हट जाना चाहिए।’

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