एक समय था जब भारत मोबाइल फोन दूसरे देशों से आयात करता था। लेकिन अब वह दुनिया को इसका निर्यात करने लगा है।केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक स्मार्टफोन के मामले में देश का निर्यात 11 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया के मोबाईल उपकरण बाजार नेतृत्व करने और भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में बड़ी भूमिका निभाने की दिशा में बढ़ रहा है। यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम की एक बड़ी सफलता है। भारत ने इससे पहले साल 2021-22 में 45,000 करोड़ रुपये का निर्यात किया था जो अब साल 2022-23 में 90,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
उन्होंने कहा कि जब किसी देश के प्रॉडक्ट की डिमांड दूसरे देशों के बाजारों में बढ़ती है, तो यह उस देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत माने जाते हैं। भारत में मोबाईल फ़ोन का निर्यात बढ़ रहा है। 11.12 अरब डॉलर के करीब पहुँच गया। इस संबंध में उद्योग संगठन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईओ) के आंकड़ों के मुताबिक कुल निर्यात में आधी हिस्सेदारी एप्पल कंपनी की है।
देश की इस सफलता के संदर्भ में संगठन के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि कोई भी अर्थव्यवस्था या क्षेत्र बड़ी मात्रा में निर्यात के बिना वैश्विक अर्थव्यवस्था क्षेत्र नहीं बन सकता। मोबाइल फोन निर्यात जारी है। मोबाइल निर्यात में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 में आंकड़ा 90,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी 58 प्रतिशत बढ़कर 1,85,000 करोड़ रुपये हो गया है। इस साल के 75,000 करोड़ रुपये के लक्षित आंकड़े को भी पार कर लिया गया है। गौरतलब है कि सरकार ने देश से 10 अरब डॉलर के मोबाइल फोन के निर्यात का लक्ष्य तय किया है। खबरों के मुताबिक अनुमान है कि एप्पल की 5.5 अरब डॉलर (लगभग 45,000 करोड़ रुपये) के ‘मेड इन इंडिया’ आईफोन के निर्यात के साथ कुल निर्यात में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एक अनुमान के मुताबिक सैमसंग फोन की 36,000 करोड़ रुपये के फोन के निर्यात के साथ लगभग 40 फीसदी हिस्सेदारी है। कुल निर्यात में अन्य कंपनियों के मोबाइल फोन की हिस्सेदारी लगभग 1.1 अरब डॉलर रही है।