प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लॉकडाउन-2 की घोषणा की। इस घोषना के चंद घंटों के अंदर ही मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर हजारों की तादाद में मजदूर जमा हो गए। भीड़ इतनी थी कि पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। उसके बाद किसी तरह समझा-बूझा कर मजदूरों को वापस भेजा गया। मुंबई पुलिस ने इस मामले में विनय दुबे नाम के एक सख्स को गिरफ्तार भी किया। विनय दुबे को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बांद्रा मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने एबीपी मराठी के एक टीवी पत्रकार राहुल कुलकर्णी को बुधवार की सुबह गिरफ्तार किया। उस्मानाबाद पुलिस ने कुलकर्णी को सुबह गिरफ्तार करने के बाद उन्हें मुंबई भेज दिया। दरअसल, राहुल कुलकर्णी ने मंगलवार को एक रिपोर्ट की थी कि फंसे हुए मजदूरों को गांव ले जाने के लिए ट्रेनें शुरू की जाएंगी। यह दावा किया गया था कि उनकी झूठी खबर के कारण मजदूरों की भीड़ लगी थी।
राहुल कुलकर्णी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लॉकडाउन के कारण फंसे श्रमिकों को उनके गृहनगर ले जाने के लिए सामान्य ट्रेनें जारी की जाएंगी। जिसके कारण श्रमिकों का हुजूम स्टेशन पर उमड़ पड़ा। हालांकि, पत्रकार का कहना है कि उन्होंने ये खबर दक्षिण मध्य रेलवे के एक पत्र के आधार पर की थी। कुलकर्णी की बात को सही ठहराते हुए वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने उस सरकारी पत्र को ट्विटर पर शेयर किया है। पत्र में कहा गया था कि अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए जनसाधारण ट्रेनें चलाई जाएंगी।
Here is the note from Secunderabad railway division that became basis for ‘confirmed’ news and heightened the rumour that trains will be starting for stuck migrants.. and then the WhatsApp factory got into overdrive. pic.twitter.com/wd6O4fkZ9Q
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) April 14, 2020
बता दें कि पत्रकार राहुल कुलकर्णी के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। उनपर आईपीसी की धारा- 188, 269, 270 और 117 के तहत केस दर्ज किया गया है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस कर प्रवासी मजदूरों को भरोसा दिलाया कि उनके रहने और खाने का प्रबंध हो रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि 3 मई से पहले कोई भी ट्रेन नहीं चलेगी। दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि गुजरात के सूरत में हाल में कुछ मजदूरों ने हंगामा किया था, केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले पाई।
The current situation at Bandra Station, now dispersed or even the rioting in Surat is a result of the Union Govt not being able to take a call on arranging a way back home for migrant labour. They don’t want food or shelter, they want to go back home
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) April 14, 2020
मजदूरों को गुमराह करने वाले आरोपी विनय दुबे की बात करे तो उन्होंने 18 अप्रैल को प्रवासी मजदूरों की ओर से देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। जानकारी के मुताबिक, विनय ‘चलो घर की ओर’ कैंपेन बहुत पहले से चला रहा था। फिलहाल विनय दुबे पर आइपीसी की धारा- 117, 153 A, 188, 269, 270, 505 (2) और The Epidemic Diseases Act की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया है।