मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया है। विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। कमलनाथ ने पहले से अपना लिखा हुआ बयान पढ़ा और उसके बाद उन्होंने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के लिए 1:00 बजे का समय मांगा है।
कमलनाथ ने अपने लिखे हुए बयान कहा, “15 महीनों में मेरा प्रयास रहा कि हम प्रदेश की तस्वीर बदले। मेरा क्या कसूर था। इन 15 महीना मेरी क्या गलती थी। मेरे लगभग 45 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने हमेशा विकास में विश्वास रखा। जब तक केंद्र में था, मुख्य सरकार में था, मैं मंत्री था जितनी मदद हो पाई मैंने राज्य के लिए करने की कोशिश की। तारीख और समय गवाह है मुझे जनता ने 5 साल का मौका दिया था प्रदेश को सही रास्ते पर लाने के लिए। मध्य प्रदेश की तुलना छोटे राज्यों से नहीं बड़े राज्यों से हो। भारतीय जनता पार्टी को 15 साल मिले थे। मुझे पूरे 15 महीने नहीं मिले।”
"After today, there is tomorrow. After tomorrow, there is day after tomorrow. The people is witness," says #KamalNath adding that he has decided to resign from the post of CM. pic.twitter.com/88xWzQ1S7V
— The Hindu (@the_hindu) March 20, 2020
इसके बाद उन्होंने आगे कहा, “भाजपा सोचती है कि मेरे प्रदेश को हराकर यह लोग जीत जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं होगा। सबको याद रखना है आज के बाद कल आता है और कल के बाद परसों आएगा। मैंने तय किया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं।”
कसलनाथ ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा, “एक महाराज के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी ने मेरी सरकार के खिलाफ साजिश रची। मैं चाहता था कि कांग्रेस महल में नहीं बल्कि महल कांग्रेस में आए। करोड़ों रुपए खर्च कर बहुमत का खेल खेला गया। एक महाराज और 22 लोभियों ने ये खेल खेला। मैं चाहता था कांग्रेस महल से बाहर निकले। प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात हुआ। यह विश्वासघात मेरे साथ नहीं किया गया बल्कि या विश्वासघात मध्य प्रदेश की जनता के साथ किया गया।”