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लुधियाना गैस लीक ने दिलाई भोपाल त्रासदी की याद

साल 1984 की 3 दिसंबर की रात मध्य प्रदेश के भोपाल के लिए एक भयानक रात थी। जब भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनाइट (एमआईसी) का रिसाव हुआ। इस गैस का उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था। गैस का रिसाव धीरे-धीरे शुरू हुआ जो रात भर में पूरे शहर की हवा में फैल गया। जिससे लगभग 15 हजार से अधिक लोगों की जान गई तथा बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। दुनिया की सबसे बड़ी गैस त्रासदी को आज भले ही 39 साल बीत गए हों लेकिन बीते सालों में देश के किसी न किसी हिस्से से ऐसी जहरीली गैसों के रिसाव की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। ऐसे में इन सब के बीच यहां एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिर हम इस तरह के हादसों से कितने सुरक्षित हैं? भोपाल गैस लीक के बाद हुई त्रासदी के निशान आज भी मौजूद हैं। कुछ इसी तरह की लापरवाही का एक मामला सामने आया पंजाब के लुधियाना से। जो बीते 30 अप्रैल की सुबह लोगों के लिए मौत बन गई

गैस लीक पढ़ते/सुनते ही हमारे सामने भोपाल केस त्रासदी की भयावह यादें एक बार फिर ताजा हो जाती हैं। हजारों लोगों की लाशों से पटे रास्तों की तस्वीरें जेहन में कौंधने लगती हैं। दुनिया की सबसे बड़ी गैस त्रासदी को आज भले ही 39 साल बीत गए हों लेकिन बीते सालों में देश के किसी न किसी हिस्से से ऐसी जहरीली गैसों के रिसाव की खबरें लगातार सामने आती रही हैं। ऐसे में इन सब के बीच यहां एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिर हम इस तरह के हादसों से कितने सुरक्षित हैं? भोपाल गैस लीक के बाद हुई त्रासदी के निशान आज भी मौजूद हैं। कुछ इसी तरह की लापरवाही का एक मामला सामने आया पंजाब के लुधियाना से। जब बीते 30 अप्रैल की सुबह लोगों के लिए मौत बन गई।

यहां सीवर से निकली गैस ने 11 लोगों की जान ले ली। जिसने भी यह खबर पढ़ी, स्तब्ध रह गया। इस खबर को पढ़ने/ सुनने वाले हर एक व्यक्ति के मन में एक ही सवाल आया कि नाले तो नोएडा, लखनऊ, प्रयागराज, पटना में भी खुले मिल जाएंगे तो पंजाब के लुधियाना की गैस इतनी घातक कैसे हो गई? लुधियाना जैसी घटना कहीं भी हो सकती हैं। सबसे डराने वाली बात तो यह है कि यह घटना बंद कमरे में नहीं बल्कि खुले इलाके में हुई जो खतरे की घंटी जैसी है।

क्या हुआ था?

रविवार (30 अप्रैल) की सुबह चाय का वक्त था। आम दिनों की तरह लुधियाना के लोग भी दूध लेने बाहर निकले थे। लेकिन ग्यासपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया के पास सुआ रोड पर सीवर ही लोगों के लिए काल बन गया। करीबन 7 बजे के आसपास लोग सड़क पर एक-एक कर बेहोश होकर गिरने लगे। बताया जा रहा है कि 50 मीटर के क्षेत्र में जो जहां था, वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा। कुछ लोग अस्पताल में बच गए लेकिन नाले से निकली हाइड्रोजन सल्फाइड गैस की चपेट में आए यूपी-बिहार के 11 लोगों की मौत हो गई। दो बच्चों और पांच महिलाओं ने भी दम तोड़ दिया। जिस जगह मेनहोल खुला था, उससे 10 मीटर दूर आरती क्लिनिक के पास वाले घर में सो रहे पांच लोग उठे ही नहीं। गोयल कोल्ड ड्रिंक्स की दुकान पर दूध लेने आए लोग खड़े-खड़े गिर पड़े। ये सब क्या हो रहा है लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा था।

अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि जिस क्षेत्र में हादसा हुआ वहां हाइड्रोजन सल्फाइड गैस हवा में बहुत ज्यादा मात्रा फैली हुई थी। आशंका है कि सीवर में कोई केमिकल डालने के कारण हाइड्रोजन सल्फाइड गैस बनी होगी। फिलहाल, जांच के लिए टीम बना दी गई है। सीवर में केमिकल किसने डाला होगा यह पता लगाना बेहद मुश्किल है क्योंकि सीवर में गंदा पानी घरों और यहां-वहां से आता-जाता रहता है। केमिकल किसने डाला, इसे जांचने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। सैम्पल भी लिए गए हैं। पोस्टमार्टम में पता चला है कि सभी 11 लोगों की मौत दिमाग में गैस चढ़ने के कारण हुई। सामने आ रही तस्वीरों से पता चलता है कि हादसा और भी भयावह हो सकता था। फिलहाल एक किमी का इलाका सील कर दिया गया है। कास्टिक सोडा का इस्तेमाल करके गैस के प्रभाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही हर घंटे सीवेज में गैस की मात्रा को मापा जा रहा है। वहीं पंजाब में भगवंत मान सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की बात कही गई है।

हाइड्रोजन सल्फाइड गैस क्या है?

आमतौर पर हाइड्रोजन सल्फाइड, सीवर गैस भी कही जाती है। लेकिन सीवर से केवल हाइड्रोजन सल्फाइड ही नहीं, बल्कि अमोनिया, कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन भी निकलती है। घरों और औद्योगिक कचरे के मिश्रण से बनी कई और जहरीली गैसें भी सीवर में होती हैं। इन सब में सबसे ज्यादा जहरीली गैस हाइड्रोजन सल्फाइड और अमोनिया को माना जाता है। ग्यासपुरा में हादसे वाली जगह पर सीवरेज मेनहोल का ढक्कन टूटा हुआ पाया गया है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि किसी घर या फैक्ट्री से सीवर में वेस्ट केमिकल बहाया गया होगा। जिसके कारण गैस ने घातक रूप ले लिया।

कैसे चलेगा पता कि लीक है हाइड्रोजन सल्फाइड गैस?

अगर थोड़ी मात्रा में भी गैस निकल रही हो तो सड़े हुए अंडे की गंध आएगी। इसके संपर्क में आने पर आंखों में जलन और सांस लेने में समस्या हो सकती है। सिरदर्द, चक्कर आने के साथ घबराहट महसूस हो सकती है। अत्यधिक मात्रा में गैस बनने के कारण बेहोशी के बाद हाइड्रोजन सल्फाइड मौत का कारण भी बन सकता है। यह एक रंगहीन गैस है। अगर सांस लेते समय इसकी मात्रा बढ़ जाए तो व्यक्ति 2-3 मिनट में ही बेहोश हो सकता है। अगर जल्द इलाज नहीं हुआ तो आधे घंटे में मौत हो सकती है।

लुधियाना की घटना ने यह चिंता जरूर बढ़ा दी है कि आखिर पता कैसे चलेगा कि नाले में केमिकल वेस्ट डाला जा रहा है, ऐसा करना गैरकानूनी है लेकिन लुधियाना के ग्यासपुरा में ऐसा वीकेंड में होता रहा है। हाइड्रोजन सल्फाइड का उपयोग कई उद्योगों में किया जाता है। इसका उपयोग कपड़ा बनाने में किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की ड्रिलिंग और रिफाइनिंग में किया जाता है। हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का उपयोग सीवेज के पानी के उपचार में भी किया जाता है। इस इलाके में कई डाइंग यूनिट और दूसरी फैक्ट्रियां हैं। लुधियाना गैस लीक ने पिछले एक साल में हुईं ऐसी कई घटनाओं की याद दिला दी है। जिनमें लोगों की मौत गैस रिसाव के कारण हुई थी।

1. झज्जर में अमोनिया गैस लीक
पिछले साल 28 अप्रैल को हरियाणा के झज्जर जिले में एक फैक्ट्री में गैस लीक हुआ इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली थी। गैस लीकेज की यह घटना कत्था बनाने वाली एक फैक्ट्री में हुई थी।

2. विशाखापट्टनम की लैब में गैस रिसाव

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 3 जून को एक लेबोरेटरी में गैस लीक होने के बाद 178 महिला कर्मियों की तबियत बिगड़ गई थी। यह गैस रिसाव पोरस लेबोरेटरी में हुआ था।

3. बालाघाट में 5 लोगों की हुई थी मौत

मध्यप्रदेश के बालाघाट में गैस रिसाव के चलते 5 लोगों की जान चली गई थी। गैस लीक की यह घटना 8 जून, 2022 में हुई थी।

4. आंध्र प्रदेश की कपड़ा फैक्ट्री में हुआ था रिसाव

पिछले साल 3 अगस्त को आंध्र प्रदेश के अनकापल्ले में एक कपड़ा फैक्ट्री में गैस रिसाव हुआ था। इसमें लगभग 121 महिला कर्मी बीमार हो गई थीं।

5. बालासोर में प्रोसेसिंग प्लांट में हुई घटना

ओडिशा के बालासोर जिले में 28 सितंबर 2022 को एक प्रॉन प्रोसेसिंग प्लांट में अमोनिया गैस लीकेज हो गई थी। इस प्लांट में काम करने वाले 28 कर्मचारी बीमार पड़ गए थे।

6. अलीगढ़ में अमोनिया गैस लीक

पिछले साल 29 सितंबर की बात है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक मीट फैक्ट्री में अमोनिया गैस लीक की घटना सामने आई थी। इसमें 50 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

7. हैदराबाद के कॉलेज में गैस लीक

घटना 18 नवंबर की है। हैदराबाद के कस्तूरबा गवर्नमेंट कॉलेज की लैब में गैस लीक घटना हुई थी। इसके बाद 25 स्टूडेंट्स ने समस्या की बात कही थी।

8. बंगाल में पेप्सी के प्लांट में रिसाव

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में कमलगझी पेप्सी प्लांट में 21 नवंबर को गैस रिसाव हुआ था। हालांकि, इसमें कोई नुकसान नहीं हुआ था।

9. बर्फ की फैक्ट्री में अमोनिया गैस लीक

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में ही ककद्वीप में एक बर्फ फैक्ट्री में अमोनिया गैस लीक होने की घटना सामने आई थी। गैस के संपर्क में आए दो स्थानीय लोग बीमार पड़ गए थे।

10. स्वीमिंग पुल में क्लोरीन गैस रिसाव की घटना

पिछले साल 7 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक स्वीमिंग पुल में गैस रिसाव की घटना हुई थी। क्लोरीन गैस लीक होने के बाद 8 से 14 साल के 10 स्टूडेंट्स बीमार पड़ गए थे।

 

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