इसे संयोग ही कहेंगे कि छह दिन बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है । तो वहीं दूसरी तरफ नौवीं शताब्दी की भगवान शिव ( नटेश शिव ) नटराज की दुर्लभ मूर्ति लंदन से भारत आ रही है। यह मूर्ति 1998 में यानी 22 साल पहले राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से चोरी हो गई थी।
बाद में इसे लंदन में बरामद कर लिया गया था। तब से इसे भारत लाने के प्रयास चल रहे थे। जिसमें आज सफलता मिल रही है । भगवान शिव की यह मूर्ति आज 22 साल बाद स्वदेश वापसी करेगी । गौरतलब है कि वर्ष 1998 में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में घाटेश्वर मंदिर से भगवान शिव, नटेश शिव नटराज की दुर्लभ मूर्ति चोरी हो गई थी । यह मूर्ति नौवीं शताब्दी की परिहार राजवंश के समय में स्थापित हुई थी । तब से इस मूर्ति को ढूंढने के प्रयास चल रहे थे ।
वर्ष 2005 में तब सफलता मिली जब यह मूर्ति लंदन में एक शख्स के घर में पाई गई। वहां से लंदन सरकार ने इसे बरामद कर लिया । इसके बाद इस मूर्ति को इंडिया हाउस में प्रदर्शन के लिए लगा दिया गया। वर्ष 2017 के अगस्त माह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई ) की एक जांच टीम लंदन पहुंची ।
जहां एएसआई की टीम ने जांच में पुष्टि की कि यह वही मूर्ति है, जिसे 22 साल पहले चित्तौड़गढ़ के बरौली गांव के घंटेश्वर मंदिर से चोरी किया गया था। इसके बाद भारत सरकार ने लंदन सरकार से इसे स्वदेश वापसी के लिए अपील की थी । जिसे लंदन सरकार ने मान लिया । आज लंदन से यह दुर्लभ मूर्ति देश के लिए रवाना हो चुकी है । इस तरह शिव भक्तों में खुशी की लहर है कि आखिर 22 साल बाद भगवान शिव घर लौट रहे हैं।